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चांद पर इंसानी बस्ती बसाने के अलावा अब जल्द ही वहां वाहन दौड़ाने की भी तैयारियां चल रही हैं
चांद पर इंसानी बस्ती बसाने के अलावा अब जल्द ही वहां वाहन दौड़ाने की भी तैयारियां चल रही हैं. दुनिया में शानदार कारें बनाने वाली कंपनी जनरल मोटर्स (General Motors) ने लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) के साथ मिलकर इस सपने को साकार करने की पहल शुरू की है. ये मिलकर चांद की मुश्किल सतह पर चलने वाली एक सेल्फ ड्राइविंग इलेक्ट्रिक वाहन (Lunar Rovers) बनाने की तैयारी में हैं. (General Motors making new self driving vehicle for moon)
इस प्रोजेक्ट की घोषणा बुधवार को की गई. हालांकि नासा (NASA) की ओर से इस प्रोजेक्ट में किसी तरह की फंडिंग की शुरुआत करना अभी बाकी है. मगर इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य है कि ऐसे हल्के वाहन बनाना है, जो ऊबड़-खाबड़ सतह पर भी आसानी से चल सके. यह वाहन सामान्य रोवर से स्पीड में काफी तेज होगा और ज्यादा लंबा सफर तय कर पाएगा.
अपोलो मिशन से ज्यादा तेज वाहन
कंपनी ने कहा कि 1970 के दशक में नासा के अपोलो मिशन में इस्तेमाल किए गए रोवर से यह कई मायनों में एडवांस होगा. चांद अभियान के लिए लॉकहीड मार्टिन के उपाध्यक्ष किर्क शिरमन ने कहा, 'हमारे लिए जल्द ही चांद पर तेजी से इधर-उधर जाना आसान होगा.' शिरमन नासा में मैनेजर रह चुके हैं. अपोलो 15, 16 और 17 में उपयोग किए रोवर्स लैंडर्स से अलग होकर महज 7.6 किलोमीटर तक ही जा पाया था. इन वाहनों को बनाने में भी GM ने ही मदद की थी.
2024 तक इंसानों को चांद पहुंचाना चाहता है नासा
नासा ने पिछले साल चांद के लिए रोवर्स तैयार करने के लिए आइडिया मांगे थे. अंतरिक्ष एजेंसी की कोशिश है कि 2024 तक वह फिर से अपने एस्ट्रोनॉट्स को चांद पर भेजे. GM के वाइस प्रेसिडेंट जैफ राइडर ने कहा कि पिछले रोवर्स एक बार में दो एस्ट्रोनॉट्स को ले जाने में सक्षम थे. कंपनी ने जो वीडियो पेश किया है, वह काफी बड़ा रोवर दिख रहा है जो चांद की सतह पर तेजी से चल सकता है. इसमें ज्यादा हेडलाइट्स भी हैं, जो दूर से ही दिखती हैं.
चांद पर जाने वालों को रखेगा सुरक्षित
शिरमन ने यह भी बताया कि यह रोवर्स एस्ट्रोनॉट्स को चांद के साउथ पोल पर बनी झीलों जैसे खतरनाक स्पॉट्स से भी बचाएगा. इन अंधेरे कोनों में पानी जमा हुआ है, जिसका इस्तेमाल पीने, पौधा उगाने और रॉकेट का ईंधन बनाने में किया जा सकता है. इस रोवर की अपने आप काम करनी की क्षमता से एस्ट्रोनॉट्स सिर्फ वहां से पत्थर जुटाने पर फोकस कर पाएंगे क्योंकि यह रोवर एक पालतू कुत्ते की तरह उनके पीछे-पीछे ही चलेगा. दो साल पहले टोयोटा ने जापानी अंतरिक्ष एजेंसी के साथ मिलकर प्रेशराइज्ड बिजली से चलने वाला रोवर तैयार किया था. जबकि जीएम और लॉकहीड मार्टिन का रोवर अन-प्रेशराइज्ड है. इसका मतलब कि इसे इस्तेमाल करने वालों को हमेशा स्पेससूट पहनकर रखना होगा.
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