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पाकिस्तान से भारत आने वाली मूक-बधिर लड़की गीता की बड़ी खोज अब खत्म हो गई है
Geeta Reunites With Her Family: पाकिस्तान (Pakistan) से भारत आने वाली मूक-बधिर लड़की गीता (Geeta) की बड़ी खोज अब खत्म हो गई है. लंबे इंतजार के बाद उन्होंने अपना परिवार ढूंढ लिया है. वह भारत में अपनी मां से मिली हैं. जानकारी के मुताबिक गीता उस समय महज 10 से 11 साल की थीं, जब वह भारत पाकिस्तान की सीमा (India Pakistan Border) के पास पाकिस्तानी रेंजर्स को मिली थीं. तभी से पाकिस्तान का ईधी फाउंडेशन (Geeta in Pakistan) उनकी देखभाल कर रहा था. साल 2015 में वो एक बार फिर चर्चा में तब आईं, जब सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान (Bajrangi Bhaijaan) रिलीज हुई थी.
इस फिल्म की मुन्नी की कहानी गीता से काफी मिलती जुलती थी. बिलकिस ईधी के अनुसार, गीता का असली नाम राधा है. वह बीते एक हफ्ते से उनके संपर्क में हैं. गीता ने ही उन्हें ये खुशखबरी दी है. गीता सुन और बोल नहीं सकती हैं. सबसे पहले यहां बिलकिस ईधी ने उनका नाम फातिमा रखा था. उस वक्त गीता खुद को 'गुड्डी' बताया करती थीं. बाद में गीता के 'गुड्डी' नाम पर खोज की गई .
गीता नाम क्यों रखा गया?
करीब पांच साल पहले ईधी ने बताया था, 'बच्ची के तौर तरीकों को देखा गया, जैसे वह पैर छुआ करती थी, तो हमें पता चला कि वह हिंदू है. तभी मैंने उसका नाम बदलकर गीता रख दिया.' ईधी गीता को एमए जिन्नाह रोड स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर ले जाया करती थीं. लेकिन जब उन्होंने देखा कि लोग उनपर अधिक ध्यान दे रहे हैं, तो उन्होंने गीता से कहा कि वह हिंदू देवी देवताओं के कुछ पोस्टर और तस्वीरें खरीद ले और घर पर ही प्रार्थन करे. ईधी को गीता से बातचीत करने में कभी कोई परेशानी नहीं आई.
महाराष्ट्र में रहता है परिवार
साल 2015 में गीता की कहानी मीडिया तक पहुंची. जिसके बाद बाद दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें (गीता) भारत लाने का इंतजाम किया. लेकिन भारत लौटने के बाद भी गीता परिवार की खोज करती रहीं. जिस समय गीता पाकिस्तान पहुंची थीं, उस समय जितनी भी लड़कियां गायब हुई थीं, भारत सरकार और कुछ एनजीओ ने उनके परिवारों के डीएनए टेस्ट कराए. लेकिन कोई भी टेस्ट मैच नहीं हो सका. लेकिन अब गीता अपनी मां से मिली हैं. इसकी जानकारी गीता ने बिलकिस ईधी को दी है. गीता की मां महाराष्ट्र के नायगाव गांव में रहती हैं. गीता (Pakistan Geeta Real Family) को पता चला है कि उनका पूरा नाम राधा वाघमारे है. उनके पिता सुधाकर की मौत कुछ साल पहले हो गई थी, जिसके बाद उनकी मां मीना ने दूसरी शादी कर ली.
पढ़ाई के बाद नौकरी करना चाहती हैं गीता
गीता का परिवार आर्थिक तौर पर अधिक मजबूत नहीं है लेकिन मिट्टी के बर्तन बेचकर दो वक्त की रोटी कमा लेता है. गीता की उम्र इस समय 27 साल के करीब है. वह अभी विशेष शिक्षा ले रही हैं और कक्षा आठ में हैं. गीता पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी करना चाहती हैं (Geeta Reunites With Her Family in India). ईधी ने पाकिस्तानी वेबसाइट को बताया है, 'वह शायद अब किसी अन्य देश में रह सकती है. लेकिन वह अब भी बेटी ही रहेगी. वह बेशक मुझसे दूर है लेकिन फिर भी अपनी खुशी और दुख मुझसे साझा करती है. वो अपने लिए जो भी फैसला लेगी, मैं उसके साथ खड़ी रहूंगी.'
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