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वायरस लीक का कारण हो सकता 'गेन ऑफ फंक्शन' शोध

Gulabi
8 Jun 2021 1:26 PM GMT
वायरस लीक का कारण हो सकता गेन ऑफ फंक्शन शोध
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तेजी से नए वायरस पैदा करने का तरीका

वुहान लैब कोरोना महामारी की शुरुआत से ही सवालों के घेरे में रही है। बीते कुछ हफ़्तों में सामने आई रिपोर्ट में चीन ही नहीं बल्कि अमेरिका से भी इसके तार जुड़ते दिखाई दे रहे हैं।

चीन की वुहान लैब में हो रहा था अध्ययन, ज्यादा संक्रामक नए वायरस निर्माण से जुड़ी है यह तकनीक
कुछ समाचार पत्रों का दावा है कि खुद अमेरिका इस प्रयोगशाला को पैसा दे रहा था। इससे वहां गेन ऑफ फंक्शन अध्ययनों से संबंधित प्रोजेक्ट चलाया जा रहा था, जो कोरोना लीक की वजह हो सकता है। वॉल स्ट्रीट जनरल के एक लेख में तो अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट एंड इंफेक्शन डिजीज (एनआईएआईडी) द्वारा वुहान लैब में चल रहे कुछ प्रयोगो के समर्थन का खुला दावा किया गया है।
क्या है गेन ऑफ फंक्शन?
यूनिवर्सिटी डु क्यूबेक मॉट्रियल में वायरसविद बेनोइट बारब्यू का कहना है वुहान लैब लीक के पीछे बड़ी वजह गेन ऑफ फंक्शन शोध हो सकता है। चिकित्सा दृष्टि से गेन ऑफ फंक्शन का मतलब वायरस पर शोधों से जुड़ा है। इनका मकसद नए गुणों वाले ऐसे वायरस का निर्माण है जो इसे इंसानो के लिए ज्यादा रोगजनक या संक्रामक हों।
तेजी से नए वायरस पैदा करने का तरीका
परंपरागत रूप से, यह परिवर्तन पशु या मानव कोशिकाओं में वायरस बढ़ाने पर केंद्रित था। लेकिन हाल ही में वायरल जिनमें कुछ सटीक बदलावों के लिए पशु मॉडल और आणविक जीव विज्ञान तकनीकों में महत्वपूर्ण उन्नति हुई है। इस प्रक्रिया से नए वायरस तेजी से पैदा किए जा सकते हैं।

जो इंसान में प्रसार के लिए क्षमता बदल सकते हैं। इस प्रक्रिया के उलट वायरस के प्राकृतिक विकास में कई साल लग जाते हैं। इस प्रकार के शोध का उचित यह है कि इनसे वैज्ञानिक नई महामारियों के आगमन की बेहतर भविष्यवाणी कर सकते हैं।
जब वैज्ञानिकों ने बनाया खतरनाक एच5एन1
वैज्ञानिक रॉन फौचियर और योशीहारो कावाओका ने एक ऐसा एच5एन1 वायरस बनाया, जिसे एरोसोल के जरिए कई प्रजातियों में भेजा जा सकता था। अमेरिका सरकार ने जैव आतंकवादियों द्वारा इसके गलत उपयोग का हवाला देते हुए विज्ञान पत्रिकाओं से इसे प्रकाशित न करने का भी आग्रह किया।
लैब में कमजोर सुरक्षा के कारण लीक की आशंका
अमेरिकी दस्तावेजों से पता चला है कि वुहान लैब में जैव सुरक्षा मानक पर्याप्त नहीं थे। कई शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया था कि चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरसों पर लैब का 'गेन ऑफ फंक्शन' शोध जोखिम भरा था। यहां से लीक वायरस मनुष्य के लिए खतरनाक हो सकता है और वायरस की उत्पत्ति के पीछे लैब लीक को माना जा रहा है।
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