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जी-7 ने रूस से यूक्रेन के काला सागर बंदरगाहों की नाकाबंदी को समाप्त करने का आह्वान किया

Neha Dani
28 Jun 2022 12:12 PM GMT
जी-7 ने रूस से यूक्रेन के काला सागर बंदरगाहों की नाकाबंदी को समाप्त करने का आह्वान किया
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नाकाबंदी ने दुनियाभर में 47 मिलियन लोगों को मानवीय आपदा के कगार पर खड़ा कर दिया है।

रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच कई देशों में खाद्य संकट गहराता जा रहा है। जी-7 देशों के समूह ने मंगलवार को सबसे कमजोर लोगों को कुपोषण से बचाने के लिए 4.5 बिलियन अमेरीकी डालर का वादा किया है। जी-7 ने रूस से यूक्रेन के काला सागर (Black Sea) बंदरगाहों की नाकाबंदी को समाप्त करने का आह्वान किया।

G7 ने अपने बयान में कहा कि हम भूख और कुपोषण से सबसे कमजोर लोगों की रक्षा के लिए अतिरिक्त 4.5 बिलियन अमरीकी डालर के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो इस साल वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता के रूप में कुल 14 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक है।
इसके साथ ही जी-7 ने कहा कि हम बिना शर्त के रूस से यूक्रेन के काला सागर बंदरगाहों की नाकेबंदी, प्रमुख बंदरगाह और परिवहन बुनियादी ढांचे को तत्काल रोकने का आह्वान करते हैं। इसके साथ ही जी-7 ने काला सागर के बंदरगाहों से अनाज भंडारण और टर्मिनलों को नष्ट करने, यूक्रेन में कृषि वस्तुओं और उपकरणों के रूस द्वारा अवैध विनियोग और अन्य सभी गतिविधियों को समाप्त करने के लिए अपने तत्काल आह्वान को दोहराया हैं। कहा कि यह सब यूक्रेन के खाद्य उत्पादन और निर्यात को और बाधित करता है।
जी-7 नेताओं ने घोषणा की कि वे रूस से और मानवीय सहायता वितरण सहित कृषि उत्पादों के आयात के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने की योजना नहीं बना रहे हैं।
नेताओं ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना जारी रखेंगे कि हमारे प्रतिबंध पैकेज भोजन को लक्षित नहीं कर रहे हैं और रूस सहित कृषि उत्पादों के मुक्त प्रवाह और मानवीय सहायता के वितरण की अनुमति देते हैं।
दुनिया का कुल 10 प्रतिशत गेहूं का उत्पादन करता है यूक्रेन

यूक्रेन को 'यूरोप की रोटी की टोकरी' के रूप में माना जाता है, जो दुनिया के 10 प्रतिशत गेहूं का उत्पादन करता है। यूक्रेन दुनिया के मक्का के 12-17 प्रतिशत और दुनिया के सूरजमुखी के तेल के आधे हिस्से की आपूर्ति करता है।

रूस की कार्रवाइयों ने ब्रिटेन जैसे देसों बढ़ा दी हैं अनाज की कीमत

पश्चिम देशों का का आरोप है कि रूस की कार्रवाइयों ने ब्रिटेन जैसे देशों में कीमतें बढ़ा दी हैं और चल रही नाकाबंदी ने दुनियाभर में 47 मिलियन लोगों को मानवीय आपदा के कगार पर खड़ा कर दिया है।

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