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बांग्लादेश में भी ईंधन की क़ीमतों में बेतहाशा वृद्धि, बड़ी मुसीबत में भारत का एक और पड़ोसी!

Neha Dani
10 Aug 2022 5:06 AM GMT
बांग्लादेश में भी ईंधन की क़ीमतों में बेतहाशा वृद्धि, बड़ी मुसीबत में भारत का एक और पड़ोसी!
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इसके बाद गरीब और मध्‍यम वर्ग के लोगों के लिए रोजाना का खर्च उठाना भी मुश्किल हो गया।

ढाका: बांग्‍लादेश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जबरदस्‍त इजाफा हुआ है। इसके बाद से ही देश की हर गली में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। देश में ईधन के दाम में 50 फीसदी से ज्‍यादा का इजाफा किया गया है। देश की मीडिया की मानें तो ये पहली बार है जब पेट्रोल-डीजल के दाम इस कदर बढ़ाए गए हैं। श्रीलंका के बाद अब बांग्‍लादेश, भारत का वो पड़ोसी है जहां पर इस तरह के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। गुस्‍साए प्रदर्शनकारियों को फ्यूल स्‍टेशनों पर देखा जा सकता है। इनकी मांग है कि कीमतों में हुए इजाफे को तुरंत वापस लिया जाए। शुक्रवार को शेख हसीना की सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफे का ऐलान किया था।


पेट्रोल पंप लगी लाइनें
सरकार की तरफ से हुए नए ऐलान के बाद डीजल 34 टका प्रति लीटर, ऑक्‍टेन 46 टका प्रति लीटर और पेट्रोल 44 टका प्रति लीटर तक महंगा हो गया है। देश के कई म‍ीडिया आउटलेट्स की तरफ से कहा गया है कि ये 51.7 फीसदी का इजाफा है। आजादी के बाद से पहला मौका है जब देश में पेट्रोल डीजल इतना महंगा हुआ है। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियोज आ रहे हैं जिनमें पेट्रोल पंपों पर टैंक फुल कराने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है।

लोग रात-रात भर टैंक फुल होने के लिए लाइन में लगे हुए हैं। बांग्‍लादेश की अर्थव्यवस्‍था 416 बिलियन डॉलर की है। कुछ साल पहले तक इसे दुनिया की तेज गति से बढ़ती हुई इकोनॉमी करार दिया गया था। लेकिन ऊर्जा के अलावा खाने-पीने की महंगी होती चीजों की वजह से देश पर मुश्किलें आ गई हैं। आयात बढ़ गया है और हालात ये हैं कि सरकार ने अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष से कर्ज की गुहार लगाई है।

जगह-जगह प्रदर्शन
राजधानी ढाका में प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला है और सरकार के फैसले का विरोध किया है। इनमें से कुछ लोग छात्र यून‍ियन से जुड़े थे जो नेशनल म्‍यूजियम के सामने प्रदर्शन कर रहे थे। ढाका ट्रिब्‍यून से बात करते हुए एक प्रदर्शनकारी ने सरकार के खिलाफ गुस्‍सा निकाला। प्रदर्शनकारी ने कहा, 'आम व्‍यक्ति पहले से ही मुश्किलों में है और जीना मुहाल हो गया है।

सरकार जनता की संपत्ति को लूट रही है और उसका रवैया लोगों की तकलीफ को और बढ़ा रहा है।' ढाका ट्रिब्‍यून का कहना है कि सरकार के फैसले के बाद ऑपरेटर्स ने दाम बढ़ा दिए। बांग्‍लादेश जात्री कल्‍याण समिति (BJKS) जैसे संगठनों ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि अब इसके बाद बस का किराया महंगा होगा जो कि बर्दाश्‍त के बाहर है।
महंगाई दर बेकाबू
जिस तरह से अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है, उसके बाद बांग्‍लादेश में भी पेट्रोल-डीजल महंगा होगा, इसकी उम्‍मीद पहले से थी। ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि बांग्‍लादेश पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPC) को जुलाई माह तक 8 अरब टका का नुकसान हो चुका है। इसके बाद से ही इस बात के कयास लगाए गए थे कि सरकार कभी भी बढ़ी हुई कीमतों का ऐलान कर सकती है।

देश में महंगाई की दर भी लगातार नौंवे महीने में बढ़ी है और ये 6 फीसदी पर बनी हुई है। जुलाई में सालान महंगाई दर 7.48 फीसदी पर पहुंच गई थी। इसके बाद गरीब और मध्‍यम वर्ग के लोगों के लिए रोजाना का खर्च उठाना भी मुश्किल हो गया।

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