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जर्मनी से लेकर पुर्तगाल तक... क्लाइमेट चेंज को लेकर बच्चे पहुंच रहे कोर्ट, जलवायु परिवर्तन पर केस लड़ दर्ज कर रहे जीत

Neha Dani
10 May 2021 10:56 AM GMT
जर्मनी से लेकर पुर्तगाल तक... क्लाइमेट चेंज को लेकर बच्चे पहुंच रहे कोर्ट, जलवायु परिवर्तन पर केस लड़ दर्ज कर रहे जीत
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इसलिए अब वो कोर्ट से गुहार लगाते हैं और सरकारों के खिलाफ मामला दर्ज कर रहे हैं और केस जीत भी रहे हैं।

कोरोना काल के दौरान एक तरफ पूरी दुनिया महामारी से लड़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे युवा और बच्चे जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनियाभर की सरकारों को कोर्ट में खींच रहे हैं और केस भी जीत रहे हैं। बता दें कि दुनियाभर में बच्चे जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरुकता अभियान चला रहे हैं।

ठीक ऐसा ही एक मामला जर्मनी से आया है, जहां लुइसा नॉइबार (25) ने जलवायु परिवर्तन को लेकर अपने देश की सरकार पर पिछले साल मामला दर्ज किया था। इस मामले की सुनवाई के बाद जर्मनी के सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को लुइसा के पक्ष में फैसला सुनाया। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि जलवायु परिवर्तन अधिनियम 2019 के कुछ प्रावधान असंवैधानिक है।
कोर्ट ने अपने फैसले में सुनाया कि सरकार जल्द नए प्रावधान लागू करे। इसके अलावा ऐसा ही एक मामला पुर्तगाल से आया, जहां पिछले साल छह लोगों ने जलवायु परिवर्तन को लेकर यूरोप के मानवाधिकार कोर्ट में एक मामला दायर किया था। इन लोगों की उम्र नौ से 22 साल के बीच है।
इस मामले के तहत 33 देशों की सरकारों को कोर्ट में पेश किया गया। ग्लोबल लीगल एक्शन नेटवर्क में जलवायु संबंधी मुकदमों के प्रमुख गेरी लिस्टन इन लोगों का केस लड़ रहे हैं। लिस्टन का कहना है कि केस करने वाले चार बच्चे पुर्तगाल के लीरिया शहर से हैं। साल 2017 में यह इलाका जंगल की आग से नष्ट हो गया था और यहां 62 लोगों की मौत हुई थी।
वहीं लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पर्यावरण विशेषज्ञ जोआना सेजर का कहना है कि पहले बच्चे सड़कों और संसद के सामने आंदोलन करते थे लेकिन अब कोरोना काल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है, इसलिए अब वो कोर्ट से गुहार लगाते हैं और सरकारों के खिलाफ मामला दर्ज कर रहे हैं और केस जीत भी रहे हैं।

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