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फ्रांस के राष्ट्रपति ने किया पीएम मोदी से बात, अफगानिस्तान और सबमरीन डील पर हुई चर्चा
Deepa Sahu
21 Sep 2021 2:14 PM GMT
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने आज यानी 21 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) ने आज यानी 21 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ बातचीत की. इस दौरान कई मुद्दों पर बात हुई जिसमें हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग से लेकर अफगानिस्तान संकट के मुद्दे शामिल थे. ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका द्वारा ऑकस ग्रुप बनाने के बाद मैक्रॉन ने पहली बार पीएम मोदी से बात की है. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही सबमरीन डील (Submarine Deal) पर भी बात हुई.
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस के साथ हुई मल्टी बिलियन डॉलर की पनडुब्बी डील को रद्द कर दिया. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ एक त्रिपक्षीय एशिया प्रशांत सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए. पेरिस ने कैनबरा द्वारा ऐसा किए जाने की तुलना मित्र राष्ट्रों के पीठ में छुरा घोंपने से कर दी.
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच हुए इस सुरक्षा समझौते को AUKUS का नाम दिया गया है. इसके अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया को न्यूक्लियर ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियों (Nuclear-powered Submarines) की बिक्री की जाएगी. दरअसल, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच डीजल पनडुब्बियों के निर्माण के लिए करीब 100 अरब डॉलर का सौदा हुआ था. नई AUKUS पहल की शर्तों के तहत ऑस्ट्रेलिया के लिए डीजल पनडुब्बियों के निर्माण का यह सौदा समाप्त हो जाएगा, जिससे फ्रांस नाखुश है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि AUKUS की वजह से इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की होने वाली बैठक से पहले पश्चिमी मुल्कों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं.
इन मुद्दों पर भी हुई बात
पीएम मोदी और इमैनुएल मैक्रॉन ने बातचीत के दौरान जलवायु परिवर्तन, कोरोना वायरस और आतंकवाद को लेकर भी बात की. वहीं दूसरी ओर बताया जा रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लेंगे. व्हाइट हाउस (White House) की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है. इस मुलाकात के बाद ही व्हाइट हाउस में QUAD नेताओं की बैठक होगी, जिसमें अफगानिस्तान, इंडो-पैसिफिक, कोविड -19 महामारी और जलवाायु संकट जैसे संवेदनशील मामलों पर बात की जाएगी.
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