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नई दिल्ली, (आईएएनएस)| फ्रांसीसी नौसेना के हेलीकॉप्टर वाहक पोत एफएस 'डिक्समुडे' और युद्धपोत 'ला फेयेट' कोच्चि के दौरे पर हैं। यह यात्रा सर्कविगेशन मिशन, जीन डी'आर्क के हिस्से के रूप में की जा रही हैं। फ्रांस के रियर एडमिरल इमैनुएल सालार्स (एलिंडियन), कैप्टन इमैनुएल मोकार्ड और लेफ्टिनेंट कमांडर जिसलेन डेलेप्लांक ने भारतीय नौसेना की दक्षिणी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल जे सिंह से मुलाकात भी की है। इस दौरान दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने के मुद्दों की विस्तृत श्रृंखला पर बातचीत की। वर्तमान यात्रा के दौरान, फ्रांसीसी दल पेशेवर प्रशिक्षण संस्थानों और दक्षिणी नौसेना कमान के युद्धपोतों का दौरा कर रहा है। क्रॉस ट्रेनिंग विजिट, स्पोर्ट्स फिक्स्चर सहित पेशेवर व असैन्य विचार-विमर्श भी इस यात्रा के अन्य कुछ मुख्य आकर्षण थे। युद्धपोतों पर सवार फ्रांस की नौसेना भारतीय सेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास भी करेगी।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और स्थिरता को सशक्त करने के लिए भारत-फ्रांस नौसेना सहयोग इस दिशा में एक प्रमुख कार्यक्रम है। फ्रांसीसी युद्धपोतों की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
गौरतलब है कि भारतीय थल सेना, फ्रांसीसी सेना के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास भी कर रही है। भारत और फ्रांस की सेना के बीच यह पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास है। दोनों देशों की सेनाओं द्वारा संयुक्त रूप से किए जा रहे इस सैन्य अभ्यास को 'फ्रिंजेक्स-23' नाम दिया गया है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक फ्रांस की सेना के साथ यह सैन्य अभ्यास 8 मार्च को भी केरल में तिरुवनंतपुरम के पैंगोड मिल्रिटी स्टेशन में किया जा रहा है।
रक्षा मंत्रालय ने अधिक जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारत और फ्रांस के इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का उद्देश्य सामरिक स्तर पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतर-संचालन, समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देना है। सैन्य अभ्यास की कार्यसूची में संयुक्त मानवीय सहायता और आपदा राहत शामिल है। इसके अंतर्गत दोनों देशों की सेनाएं एक विशेष संयुक्त कमांड फोर्स की स्थापना कर रही हैं। इस कमांड पोस्ट में आपदा राहत के उद्देश्य से परिकल्पित क्षेत्र को सुरक्षित करने का अभ्यास किया गया। यहां किए जाने वाले प्रशिक्षण में संचालन तथा आंतरिक रूप से विस्थापित आबादी के लिए (आईडीपी) शिविर की स्थापना व आपदा राहत सामग्री की सुगम आवाजाही शामिल है।
गौरतलब है कि यह पहली बार है जब दोनों देशों की सेनाएं इस फॉर्मेट में तिरुवनंतपुरम स्थित भारतीय सेना के सैनिकों और फ्रांस की 6वीं लाइट आम्र्ड ब्रिगेड के एक-एक कंपनी समूह के प्रत्येक दल के साथ शामिल हुई हैं। संयुक्त अभ्यास फ्रांस के साथ रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा, जो समग्र भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख पहलू है।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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