विश्व

फ्रांस के नौसेना प्रमुख की तीन दिवसीय भारत यात्रा आज से, हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा की उम्मीद

Renuka Sahu
28 March 2022 1:12 AM GMT
फ्रांस के नौसेना प्रमुख की तीन दिवसीय भारत यात्रा आज से, हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा की उम्मीद
x

फाइल फोटो 

भारत और फ्रांस के बीच की दोस्ती को और मजूबत करने के लिए फ्रांसीसी नौसेना प्रमुख एडमिरल पियरे वांदियर सोमवार को भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत और फ्रांस के बीच की दोस्ती को और मजूबत करने के लिए फ्रांसीसी नौसेना प्रमुख एडमिरल पियरे वांदियर सोमवार को भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय समुद्री सहयोग को और मजबूत करना है, विशेष रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में। यह सूचना इस यात्रा के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने दी है।

सेना प्रमुख और वायु सेना प्रमुख के साथ करेंगे व्यापक बातचीत
उन्होंने रविवार को कहा कि उनकी यह यात्रा यूक्रेन में संकट के बीच हो रही है, इसलिए उम्मीद है कि दोनों पक्ष हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर इस संघर्ष के संभावित प्रभावों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं।एडमिरल वांदियर अपने भारतीय समकक्ष एडमिरल आर हरि कुमार के साथ-साथ सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के साथ व्यापक बातचीत करेंगे।
जयशंकर के पेरिस की यात्रा के बाद आ रहे फ्रांस के नौसेना प्रमुख
फ्रांस के नौसेना प्रमुख वांदियर की यात्रा विदेश मंत्री एस जयशंकर के पेरिस की यात्रा के एक महीने बाद हो रही है। इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाना है। पिछले कुछ वर्षों में भारत और फ्रांस के बीच समुद्री सहयोग में बड़ा विस्तार हुआ है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक और साइबर से लेकर महासागरों तक असंख्य सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए फ्रांस को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखता है।
पिछले साल अप्रैल में अरब सागर में एक बड़ा युद्धभ्यास किया था
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती समुद्री उपस्थिति पर बढ़ती चिंता को लेकर भारतीय और फ्रांसीसी नौसेनाओं ने पिछले साल अप्रैल में अरब सागर में एक बड़ा युद्धभ्यास किया था। इससे चीन को एक मजबूत संदेश देना था। फ्रांसीसी नौसेना ने अपने परमाणु-संचालित विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल और उसके पूरे वाहक समूह को अभ्यास में तैनात किया था जो नौसेना संबंधों में बढ़ती एकरूपता को दर्शाता है।
Next Story