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पाकिस्‍तान से मुक्‍त कराएं सिंध और बलूचिस्‍तान, एमक्‍यूएम नेता अल्‍ताफ हुसैन की अपील

Renuka Sahu
13 Dec 2021 1:47 AM GMT
पाकिस्‍तान से मुक्‍त कराएं सिंध और बलूचिस्‍तान, एमक्‍यूएम नेता अल्‍ताफ हुसैन की अपील
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फाइल फोटो 

मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के नेता अल्ताफ हुसैन ने संयुक्त राष्ट्र, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय संसद और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन से पाकिस्तान के कब्जे से सिंध और बलूचिस्तान को मुक्त कराने की मांग की है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेता अल्ताफ हुसैन ने संयुक्त राष्ट्र, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय संसद और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन से पाकिस्तान के कब्जे से सिंध और बलूचिस्तान को मुक्त कराने की मांग की है। कहा है कि इन इलाकों में पाकिस्तान सेना और शासक दशकों से उत्पीड़न कर रहे हैं, लोगों की हत्याएं कर रहे हैं और उन्हें गायब कर रहे हैं। यह सब बर्दाश्त की सीमा के पार चला गया है। इसलिए भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों के साथ मिलकर दोनों प्रदेशों को पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराएं।

उन्‍होंने अपने एक संदेश में कहा है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकी संगठनों के साथ मिलकर दोनों प्रदेशों में भय का वातावरण बनाए हुए है। साथ ही भारत और अन्य पड़ोसी देशों में आतंकियों को भेजकर वहां खूनखराबा करवाते रहते हैं। उनके कृत्यों पर अविलंब रोक लगाए जाने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि एमक्यूएम नेता लंबे समय से ब्रिटेन में रहकर पाकिस्तान के उत्पीडि़त लोगों को आवाज उठा रहे हैं।
बता दें कि अल्‍ताफ हुसैन काफी लंबे समय से लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। अल्‍ताफ लंदन से ही अपनी राजनीतिक पार्टियों की सरगर्मियों में हिस्‍सा लेते रहे हैं। पाकिस्‍तान सरकार की तरफ से उनके ऊपर कई मामले दर्ज किए जा चुके हैं। अल्‍ताफ हुसैन को भारत समर्थक माना जाता है। कई बार पहले भी वो इसी तरह की अपील भारत से कर भी चुके हैं।
उनका आरोप है कि बंटवारे के बाद भारत से पाकिस्‍तान आने वालों को वहां की सरकार हमेशा धोखा ही दिया है। उनको हमेशा से अलग समझकर उनके खिलाफ षड़यंत्र रचे गए और उन्‍हें जेलों में ठूंसा गया, यातनाएं दी गई। सरकारी नौकरियों का भी लाभ उन्‍हें कभी नहीं मिल सका। अल्‍ताफ हुसैन समय-समय पर पाकिस्‍तान सरकार और सेना की कारगुजारियों को सामने लाने का भी काम करते रहे हैं।

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