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स्कूली बच्चों को मुफ्त में कंडोम, इस देश में नई पॉलिसी को माता-पिता ने बताया शर्मनाक

Admin2
10 July 2021 1:43 PM GMT
स्कूली बच्चों को मुफ्त में कंडोम, इस देश में नई पॉलिसी को माता-पिता ने बताया शर्मनाक
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कोरोना महामारी का असर कम होने के साथ ही फिर से स्कूल खुलने जा रहे हैं. ऐसे में जहां एजुकेशन सिस्टम पर लाइन पर लाने के लिए जोर दिया जा रहा है, तो वहीं अमेरिका के शिकागो में ऐसा आदेश पारित हुआ है, जिससे सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है. शिकागो के स्कूलों में नई पॉलिसी लागू की गई है, जिसके तहत स्कूलों को 5वीं और उससे ऊपर की क्लास के बच्चों के लिए मुफ्त में कंडोम की व्यवस्था करनी होगी।

यानि इस नई पॉलिसी के तहत स्कूल 10 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए कंडोम की व्यवस्था करेंगे. वहीं इस आदेश के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं. बच्चों के माता-पिता और लोग इसे शर्मनाक और बीमार मानसिकता बता रहे हैं. fox news के अनुसार नई नीति दिसंबर 2020 में लागू होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद होने पर इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका. इस नई पॉलिसी में 5वीं और उससे ऊपर की कक्षा वाले स्कूलों को कंडोम उपलब्धता कार्यक्रम रखने को कहा गया है. शिकागो पब्लिक स्कूल (CPS) ने कहा कि छात्रों के बीच "एचआईवी संक्रमण और अनचाही गर्भावस्था सहित यौन संचारित रोगों के प्रसार को कम करने के लिए जारी प्रयास में शिकागो के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा कंडोम फ्री में उपलब्ध कराए जाएंगे।

शिकागो सन-टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में सीपीएस के शीर्ष चिकित्सक केनेथ फॉक्स ने स्वीकार किया कि इस निर्णय से कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उन्होंने कहा कि छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक था. बता दें कि शिकागो पब्लिक स्कूल सिस्टम में 600 से अधिक स्कूल हैं, जिनमें से अधिकांश में पांचवीं या उससे ऊपर की कक्षा हैं. फॉक्स ने कहा कि अगले महीने से 600 सीपीएस स्कूलों को हजारों कंडोम मिलेंगे.

उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्कूलों को 250 कंडोम और हाई स्कूल को 1000 कंडोम मिलेंगे. प्रधानाध्यापकों को सीपीएस और शिकागो डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ से कंडोम खत्म करने पर अनुरोध करना होगा. शिकागो में स्कूलों की लेकर नई पॉलिसी के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तमाम तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं. कुछ लोग इस पर आश्चर्य और ऐतराज जता रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग अपने गुस्से का इजहार करते हुए इसे बीमार मानसिकता बता रहे हैं.

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