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फ्रांस: अश्वेत संगीतकार को मरने के बाद भड़की हिंसा, 4 पुलिसकर्मियों को हिरासत में लेकर हुई पूछताछ

Neha Dani
29 Nov 2020 2:31 AM GMT
फ्रांस: अश्वेत संगीतकार को मरने के बाद भड़की हिंसा, 4 पुलिसकर्मियों को हिरासत में लेकर हुई पूछताछ
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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच फ्रांस में अश्वेतों का पुलिस विरोधी प्रदर्शन जोर पकड़ गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच फ्रांस में अश्वेतों का पुलिस विरोधी प्रदर्शन जोर पकड़ गया है। शनिवार को पेरिस में हिंसक प्रदर्शन को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। स्टन ग्रेनेड से तेज आवाज के साथ चकाचौंध करने वाली रोशनी पैदा होती है जिससे कुछ देर के लिए व्यक्ति अर्धचेतन अवस्था में चला जाता है।

पेरिस में हजारों लोगों का जुलूस शांति से आगे बढ़ा लेकिन कुछ ही दूर चलने के बाद वह हिंसक हो उठा। इसके बाद जुलूस में शामिल लोग पुलिसकर्मियों से भिड़ गए, दो कारों, एक मोटरसाइकिल और कई इमारतों में आग लगा दी। उनसे निकला धुंआ आकाश में कई किलोमीटर दूर से देखा जा सकता था। इसके बाद पुलिस ने हिंसक लोगों को काबू करने के लिए बल प्रयोग किया और उन्हें तितर-बितर किया।
इसी तरह के विरोध प्रदर्शन लिल्ले, रेंस, स्ट्रासबर्ग और अन्य शहरों में होने की भी जानकारी मिली है। ये प्रदर्शन अश्वेत संगीतकार माइकेल जेक्लर (Michel Zecler) की तीन पुलिसकर्मियों द्वारा पिटाई का सीसीटीवी फुटेज इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद हुए हैं। संगीतकार की पिटाई की घटना 21 नवंबर को पेरिस में हुई थी।
प्रदर्शनकारी उस नए कानून के प्रस्ताव से भी नाराज थे जिसके अनुसार पुलिस की बर्बरता की रिपोर्टिग के अधिकार से पत्रकारों को वंचित कर दिया जाएगा। विपक्ष ने कहा है कि यह विधेयक प्रेस की आजादी पर आघात करेगा। बहुत से प्रदर्शनकारी हाथों में कार्ड लिए थे- हमें अब पुलिस से कौन बचाएगा..?, पुलिस हिंसा को रोका जाए.., लोकतंत्र का काला धब्बा..।
जेक्लर की पिटाई का समाचार और वीडियो इंटरनेट मीडिया और देश-विदेश के प्रेस ने प्रमुखता से लिया गया है। मामले में चार पुलिसकर्मियों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घटना को फ्रांस के लिए शर्मनाक बताया है।


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