विश्व
फ्रांस के आकार के जंगल फिर से उगे, हरी-भरी हुई पृथ्वी...वातावरण से सोखी 5.9 गीगाटन कार्बन डाई ऑक्साइड
Apurva Srivastav
12 May 2021 8:37 AM GMT
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जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और जंगलों की कटाई (Deforestation) से दुनियाभर के लोग चिंतित हैं
जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और जंगलों की कटाई (Deforestation) से दुनियाभर के लोग चिंतित हैं. लेकिन एक स्टडी में सामने आए नतीजों ने बताया है कि पिछले 20 सालों में दुनियाभर में फ्रांस के आकार (Size of France) का जंगल (Forest) प्राकृतिक रूप से फिर से उग (Regrown) आया है. संरक्षण समूहों के मुताबिक, इन जंगलों ने इस दौरान करीब 5.9 गीगाटन कार्बन डाई ऑक्साइड धरती पर से सोख लिया है, जो अमेरिका के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन (US Carbon Emmission) से ज्यादा है. गौरतलब है कि हाल के सालों में वनों की कटाई को लेकर कई मुल्कों की आलोचना हुई है.
WWF के नेतृत्व में एक टीम ने दोबारा उगे जंगलों का नक्शा बनाने के लिए सैटेलाइट डाटा का प्रयोग किया. जंगलों के फिर से उगने की प्रक्रिया में बिना किसी हस्तक्षेप के प्राकृतिक वुडलैंड का फिर से तैयार होना शामिल है. WWF के विलियम बाल्डविन-कैंटेलो ने कहा कि जंगलों के फिर उगना अक्सर सक्रिय रूप से पौधे लगाकर उगाए गए जंगल की तुलना में सस्ता, कार्बन सोखने के लिए अनुकूल और जैवविविधता के लिए बेहतर होता है. लेकिन उन्होंने कहा कि जंगलों के फिर से उगने को लाभ के तौर पर नहीं देखा जा सकता है. हमें जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचने के लिए वनों की कटाई को रोकना होगा और प्राकृतिक जंगलों को बचाना होगा.
इन इलाकों में फिर से उगे जंगल
स्टडी में बताया गया है कि ब्राजील में मौजूद अटलांटिक जंगल एक आशा की किरण की तरह है. साल 2000 के बाद ये जंगल करीब नीदरलैंड के आकार तक खुद से बढ़ा है. वहीं, उत्तरी मंगोलिया में 12 लाख हेक्टेयर का जंगल खुद ब खुद उग आया है. इसके अलावा, मध्य अफ्रीका और कनाडा के जंगल भी खुद से उगने वाले जंगलों के हॉटस्पॉट बनकर उभरे हैं. हालांकि, इन सब के बावजूद भी रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि दुनियाभर के जंगलों पर महत्वपूर्ण खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा है कि ब्राजील के अटलांटिक तट पर जंगलों के फिर से उगने के बाद भी जंगलों को संरक्षण के स्तर तक पहुंचने के लिए दोगुना रफ्तार से उगना होगा.
कार्बन डाई ऑक्साइड सोखने के लिए पेड़ लगाना जरूरी
ये परियोजना WWF, बर्डलाइफ इंटरनेशनल और WCS के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है. इन्होंने अन्य विशेषज्ञों को आगे आकर उनकी मदद करने को कहा है, ताकि इस मैप को और बेहतर तरीके से बनाया जा सके. बता दें कि पृथ्वी से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालने का सबसे आसान तरीका पेड़ों को लगाना है. लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रभावी होने के लिए सही पेड़ों को सही जगह पर लगाया जाना चाहिए. तभी वो पर्यावरण से कार्बन सोख पाएंगे.
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