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नया रूप उनके देशों में नहीं पहुंचे।
ब्रिटेन में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर फ्रांस ने ब्रिटेन से यात्रा पर सख्त कोविड-19 प्रतिबंधों को फिर से लागू करने को कहा है। ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के लिए 31 मई से सख्ती बढ़ा दी गई है। फ्रांस में ब्रिटेन से आने वालों के लिए छह दिन का आइसोलेशन और कोविड निगेटिव रिपोर्ट जरूरी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को अब 48 घंटे पहले तक की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी और एक हफ्ते तक आइसोलेट होना पड़ेगा। फिर चाहे उन्होंने वैक्सीन ली हो या नहीं।
फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि 'ब्रिटेन से आने वाले गैर फ्रांसीसी लोगों के लिए सख्त कोविड-19 नियमों को फिर से लागू किया जा रहा है, जो कोविड के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है, विशेष रूप से जो भारतीय कोरोना स्ट्रेन से संक्रमित हो रहे हैं।
आगे कहा कि ब्रिटेन के लोगों और अन्य गैर-यूरोपीय संघ के लोगों के आने से पहले फिर से साबित करना होगा कि उनके पास फ्रांस में प्रवेश करने के लिए 'ठोस कारण' हैं। फ्रांस ने मार्च में ब्रिटेन के साथ-साथ कई अन्य गैर-यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के लिए आवश्यकता पड़ने पर यात्रा नियमों में ढील दी थी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 'गैर-यूरोपीय संघ के विदेशियों जो फ्रांस के निवासी नहीं हैं और जो ब्रिटेन से फ्रांस आते हैं उन्हें सोमवार (31 मई) से ब्रिटेन में प्रवेश करने के लिए 'ठोस कारणों' की आवश्यकता होगी। इसमें आगे कहा गया है कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों को एक हफ्ते तक आइसोलेट होना पड़ेगा। हालांकि इस आदेश से उन्हें राहत होगी जो फ्रांस के निवासी हैं और ब्रिटेन से आ रहे हों।
बता दें कि फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 35 लाख तक पहुंच गई है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस का खतरनाक रूप सामने आने के बाद पिछले साल दिसंबर महीने में कई देशों ने ब्रिटेन के लिए जाने वाली फ्लाइटों पर रोक लगा दी थी।दक्षिण इंग्लैंड में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन सामने आने के बाद यूरोपीय संघ के कई देशों ने भी ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी थी ताकि वायरस का नया रूप उनके देशों में नहीं पहुंचे।
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