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फ्रांस राष्ट्रपति चुनाव: इस्लाम-हिजाब सबसे बड़ा मुद्दा, वोटिंग आज
jantaserishta.com
10 April 2022 9:49 AM GMT
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Presidential Elections In France: फ्रांस में आज राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर की वोटिंग है. इस चुनाव में देश के 4.80 करोड़ मतदाता नए प्रेसिडेंट के भाग्य का फैसला करेंगे. यहां सुबह 8 बजे शुरू हुआ मतदान रात 8 बजे तक चलेगा.
राष्ट्रपति पद की दौड़ में इस बार 12 प्रत्याशी अपना भाग्य अजमा रहे हैं. फ्रांस में इस बार राष्ट्रपति चुनाव कई मायनों में अहम है. मौजूदा राष्ट्रपति 44 साल के इमैनुएल मैक्रों (emmanuel macron) दोबारा कुर्सी पर काबिज होने के लिए मैदान में उतरे हैं. उन्हें सबसे कड़ी टक्कर दक्षिणपंथी विचारधारा रखने वाली राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मरीन ले पेन से मिल रही है.
53 वर्षीय मरीन ले पेन अप्रवासियों के खिलाफ सख्त बयानबाजी करने के कारण अक्सर चर्चा में रहती हैं. मतदान से पहले चुनावों को लेकर जो सर्वेक्षण सामने आए, उसके मुताबिक पहले चरण में पेन, मैक्रों को कड़ी टक्कर नहीं दे पाएंगी, लेकिन दूसरे चरण में वो मैक्रों को कड़ी टक्कर दे सकती हैं.
24 अप्रैल को दूसरे दौर का मतदान होना है. इस दौर में मैक्रों को 54% वोट तो वहीं ले पेन को 46% वोट मिलते नजर आ रहे हैं. इस बार फ्रांस के चुनावों में स्वास्थ्य, महंगाई, आय आदि बुनियादी चीजें बड़ी प्राथमिकता में हैं.
इमैनुअल मैक्रों ने अपना चुनावी अभियान काफी देर से शुरू किया. उन्होंने चुनाव से पहले सिर्फ 1 बड़ी रैली की. मैक्रों कई मामलों को लेकर लोगों के निशाने पर हैं. चुनाव से पहले उन्होंने लोगों को सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने जैसी अलोकप्रिय योजना से प्रभावित करने की कोशिश की. मुद्रास्फीति, महंगाई और ऐसी ही दूसरी समस्याओं के कारण मैक्रों की लोकप्रियता घटने का अनुमान लगाया गया है. मैकों के विपरीत उनकी विरोधी ले पेन का चुनावी अभियान काफी धुआंधार रहा. पेन ने आत्म विश्वास के साथ पूरे फ्रांस का दौरा किया. उनकी हर रैली में समर्थक जीत के नारे लगाते नजर आए. सर्वे के मुताबिक तीसरे स्थान पर वामपंथी उम्मीदवार जीन-ल्यूक मेलेनचॉन चल रहे हैं. उनके समर्थकों को भी एक आश्चर्य की उम्मीद है.
बता दें कि इमेनुएल मैक्रों को टक्कर दे रहीं ले पेन को कट्टर छवि का फायदा मिल रहा है. उन्होंने दो दिन पहले ही 7 अप्रैल को घोषणा की कि अगर वो राष्ट्रपति चुनकर आती हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने वालों को जुर्माना देना पड़ेगा. ले पेन ने कहा कि जिस तरह गाड़ियों में सीटबेल्ट पहनने को अनिवार्य बनाया गया है, उसी तरह ये फैसला भी लागू किया जाएगा कि मुसलमान सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब न पहनें. उन्होंने कहा था कि पुलिस इसे लागू करने में सक्षम होगी.
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