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मुंबई/नई दिल्ली, (आईएएनएस)| फ्रांस और भारत ने 2023 की शुरुआत में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की प्रस्तावित यात्रा के मद्देनजर मंगलवार को महाराष्ट्र के रात्नागिरि जिले के जैतापुर में परमाणु ऊर्जा संयंत्र को फिर से चालू करने के काम में तेजी लाने के तरीकों पर चर्चा की। इस सिलसिले में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में अपने उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ फ्रांस के मंत्री क्रिसौला जाचारोपोलू से मुलाकात की और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भारत-फ्रांस सहयोग पर चर्चा की।
दोनों देशों ने महाराष्ट्र में जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र को गति देने के तरीकों पर भी चर्चा की। यह संयंत्र सितंबर 2008 में भारत और फ्रांस के बीच हुए एक व्यापक परमाणु समझौते का हिस्सा था।
समझौते में प्रत्येक 1,650 मेगावाट के छह यूरोपीय दबाव रिएक्टर स्थापित करने की परिकल्पना की गई है। इससे यह दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा उत्पादन स्थल बना जाएगा। फ्रांस के तकनीकी सहयोग से बन रहे इस संयंत्र का काम लगभग 15 वर्षो से विभिन्न बाधाओं के कारण अटका हुआ है।
भारत ने इस परियोजना के लिए दिसंबर 2021 में अपनी 'सैद्धांतिक' मंजूरी दी थी। फ्रांसीसी कंपनी ईडीएफ ने पिछले साल न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) को तकनीकी-वाणिज्यिक प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद मई में बैठकें हुई थीं।
जितेंद्र सिंह ने जाचारोपोलू को आश्वासन दिया कि तकनीकी, वित्तीय और असैन्य परमाणु दायित्व के मुद्दों को दोनों पक्षों द्वारा जल्द से जल्द भारत में फ्रांसीसी राष्ट्रपति की निर्धारित यात्रा से पहले हल किया जाएगा। राष्ट्रपति से पहले फ्रांसीसी वित्तमंत्री ब्रूनो ले मायेर दिसंबर के मध्य में भारत आएंगे।
दोनों पक्षों ने विश्वसनीय, सस्ती और निम्न-कार्बन ऊर्जा के लिए रणनीतिक जैतापुर परियोजना की सफलता के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की और सभी लंबित मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने का संकल्प लिया।
एनपीसीआईएल इकाइयों का निर्माण और कमीशन करेगा, भारतीय नियामक द्वारा ईपीआर प्रौद्योगिकी के प्रमाणीकरण सहित भारत में सभी आवश्यक परमिट और सहमति प्राप्त करेगा और भविष्य में जैतापुर संयंत्र का स्वामित्व और संचालन करेगा।
डॉ. सिंह ने कहा कि परमाणु ऊर्जा जैसी विभिन्न स्वच्छ ऊर्जाओं के संयोजन के माध्यम से शुद्ध शून्य लक्ष्यों को पूरा करने की उम्मीद है और इस समय देश की 6,780 मेगावाट की परमाणु ऊर्जा क्षमता को विभिन्न चालू परियोजनाओं के बाद अगले 10 वर्षो में बढ़ाकर 22,480 करने की योजना है।
दोनों मंत्रियों ने पेरिस में राष्ट्रपति मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हाल की बैठकों पर भी चर्चा की, जिसमें भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन, परमाणु परामर्शदाता थॉमस मियूसेट और अन्य ने भाग लिया।
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