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पेरिस। विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए फ्रांस ने भारत, जर्मनी, ब्राजील और जापान की दावेदारी के प्रति अपना समर्थन दोहराया है। फ्रांस ने कहा ऐसी नयी शक्तियों के अभ्योदय को ध्यान में रखने की जरूरत है।
फ्रांस ने कहा कि वह इस शक्तिशाली वैश्विक निकाय में स्थायी उपस्थिति की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। यूएन में फ्रांस की उप स्थायी प्रतिनिधि नथाली ब्रॉडहर्स्ट ने कहा, फ्रांस का रुख स्थिर और सभी को पता है। हम चाहते हैं कि सुरक्षा परिषद आज की दुनिया का इस तरह से प्रतिनिधित्व करे कि यह इस वैश्विक निकाय के प्राधिकार को और मजबूत कर सके।
नथाली सुरक्षा परिषद की सदस्यता में वृद्धि और समान प्रतिनिधित्व के सवाल तथा सुरक्षा परिषद से संबंधित अन्य मामलों पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की पूर्ण बैठक को संबोधित कर रही थीं। ब्रॉडहर्स्ट ने कहा, हमें वास्तव में नयी शक्तियों के उभरने को ध्यान में रखना चाहिए जो सुरक्षा परिषद में स्थायी उपस्थिति की जिम्मेदारी लेने के इच्छुक और सक्षम हैं। ब्रॉडहर्स्ट ने कहा कि सुरक्षा परिषद की अपनी कार्यकारी और परिचालन प्रकृति को बनाये रखने के लिए विस्तारित परिषद में 25 सदस्य हो सकते हैं।
नथाली ने कहा, फ्रांस स्थायी सदस्य के रूप में जर्मनी, ब्राजील, भारत और जापान की उम्मीदवारी का समर्थन करता है। हम अफ्रीकी देशों की स्थायी सदस्यों में सहित मजबूत उपस्थिति देखना चाहेंगे। शेष सीटों को समान भौगोलिक प्रतिनिधित्व प्राप्त करने के लिए आवंटित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वीटो का सवाल बेहद संवेदनशील है और यह स्थायी सीट के लिए अनुरोध करने वाले देशों पर निर्भर करता है कि वे खुद का आकलन करें। उन्होंने कहा, इसके लिए उद्देश्य दोहरा होना चाहिए। एक ओर, सुरक्षा परिषद की वैधता की मजबूती के लिए तो दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाये रखने में जिम्मेदारियों को पूरी तरह से निभाने की क्षमता को सशक्त करने के लिए। उन्होंने कहा, इसी भावना के तहत फ्रांस ने 2013 की शुरुआत में प्रस्तावित किया था कि परिषद के 5 स्थायी सदस्य स्वेच्छा से और सामूहिक रूप से सामूहिक अत्याचारों के मामले में वीटो के उपयोग को निलंबित कर दें।
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