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यूरोपीय सरकारें रूस को जवाब देने के लिए उर्जा आपूर्ति के लिए लगातार दूसरे विकल्प की तलाश कर रही है।
यूक्रेन पर हमले के बाद यूरोपीय देशों (European Nations) में उर्जा आपूर्ति में कटौती को लेकर फ्रांस (France) ने रूस पर हमला बोला है। फ्रांस ने मंगलवार को कहा कि रूस उर्जा आपूर्ति (Russia Gas Supply) को 'युद्ध के हथियार' के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
फ्रांस के ऊर्जा संक्रमण मंत्री एग्नेस पैनियर-रनचर ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि रूस युद्ध के हथियार के रूप में गैस का उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से रूस द्वारा उर्जा आपूर्ति में लगातार कटौती की जा रही है, इससे हमें आपूर्ति के पूर्ण रूप से बाधित होने की सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
यूरोपीय प्रांत के देशों में उर्जा संकट
बता दें कि रूस की गज़प्रोम (Gazprom) ने फ्रांस की विद्युत उत्पादन कंपनी एंजी (Engie ) को कुछ अनुबंधों पर असहमति का हवाला देते हुए गैस सप्लाई में कटौती करने की जानकारी दी है। रूस पहले से ही यूरोपीय प्रांत के देशों में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में बड़े पैमाने पर कटौती कर रहा है। ऐसे में मंगलवार से उर्जा आपूर्ति में और कटौती के बाद फ्रांस में गहरा बिजली संकट पैदा हो सकता है। फ्रांस के साथ साथ जर्मनी भी गैस की किल्लत से जूझ रहा है। यहां की सरकार ने लोगों से बिलजी की खपत पर ध्यान देने का आग्रह किया है।
रूस का विकल्प तलाशने की कोशिश जारी
गौरतलब है कि यूरोपीय देश बिजली और बिजली उद्योग उत्पन्न करने के लिए रूस की प्राकृतिक गैस आपूर्ति पर सबसे अधिक निर्भर हैं। ऐसे में रूस ने युक्रेन के साथ युद्ध के बीच यूरोपीय संघ (ईयू) के पांच देशों में गैस की सप्लाई कम कर दी है। रूस द्वारा प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में लगातार कमी के मद्देनजर यूरोपीय नेताओं और व्यवसायों ने इस बात को लेकर आशंका है कि अगली सर्दियों में या शायद इससे पहले ही यूरोप के प्रमुख देशों में उर्जा संकट पैदा हो जाएगा। यूरोपीय सरकारें रूस को जवाब देने के लिए उर्जा आपूर्ति के लिए लगातार दूसरे विकल्प की तलाश कर रही है।
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