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यहाँ मिला 1800 साल पुराना 'रोमन कोलोजियम', करता था ग्लेडियेटर्स और जंगली जानवरों के बीच लड़ाई की मेजबानी

Neha Dani
24 March 2021 10:43 AM GMT
यहाँ मिला 1800 साल पुराना रोमन कोलोजियम, करता था ग्लेडियेटर्स और जंगली जानवरों के बीच लड़ाई की मेजबानी
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इस राजवंश के दौरान, मस्तूरा शहर बहुत विकसित और समृद्ध था.

टली (Itlay) की राजधानी रोम में रोमन कोलोजियम (Roman Colosseum) स्थित है, जिसे इंजीनियरिंग का नायाब नमूना कहा जाता है. अब ऐसा ही एक रोमन कोलोजियम तुर्की (Turkey) में मिला है. इसे लेकर बताया गया है कि यहां करीब 1800 साल पहले 20,000 दर्शकों के बीच ग्लेडियेटर्स (Gladiator) अपना दमखम दिखाते थे. इस कोलोजियम की खोज मस्तूरा (Mastaura) में हो रही एक खुदाई के दौरान हुई. मस्तूरा देश के आयदिन प्रांत (Aydin Province) में स्थित एक प्राचीन शहर है. फिलहाल ये रोमन एरिना दफन हो चुका है और इसके ऊपर पेड़ उग आए हैं.

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, इसके बचे हुए कुछ हिस्से अभी भी सही सलामत हैं और इसके चारों बने हुए हैं. ये प्राचीन आधे मून वाले स्टाइल में बना हुआ नहीं है, बल्कि ये चारों ओर से एक बराबर बना हुआ एरिना है. बता दें कि रोम के कोलोजियम का निर्माण कार्य 70 AD में शुरू हुआ था. इसमें एक साथ 50 से 80 हजार तक दर्शक ग्लेडियेटर्स की लड़ाई का आनंद उठाते थे. आर्कियोलॉजिस्ट और अदनान मेंड्रेस यूनिवर्सिटी के सर्वेक्षण प्रमुख सेदत अक्कुरनाज का कहना है कि ये अपने तरह का इकलौता कोलोजियम है. उन्होंने कहा, अनातोलिया और उसके आसपास के क्षेत्र में इस तरह के अखाड़े का कोई उदाहरण नहीं है. यह एकमात्र उदाहरण है जो इस तरह सुरक्षित बच गया है.

कोलोजियम का भीतरी हिस्सा बेहतर ढंग से संरक्षित
सेदत अक्कुरनाज ने कहा कि झाड़ियों और जंगली पेड़ों के कारण ये कोलोजियम दिखाई नहीं दे रहा था. अखाड़े का अधिकतर हिस्सा जमीन के भीतर है. जमीन के भीतर मौजूद कोलोजियम का ढांचा बेहतर तरीके से संरक्षित किया हुआ है. ये इतना मजबूत है कि ऐसा लग रहा है जैसे इसे अभी बनाया गया है. उन्होंने कहा, कोलोजियम के जमीन के ऊपरी हिस्से में कुछ सीटों को देखा जा सकता है. ये वो एरिना है, जहां ग्लेडियेटर्स लड़ा करते थे और इस बिल्डिंग को सपोर्ट देने वाली दीवारों को बाहर से देखा जा सकता है.

ग्लेडियेटर्स और जंगली जानवरों के बीच लड़ाई की मेजबानी करता था ये कोलोजियम
आर्कियोलॉजिस्ट अक्कुरनाज ने बताया कि रोमन वास्तुकला की धनुषाकार और मेहराबदार निर्माण तकनीक ठीक लग रही है. इस अखाड़े ने खून से लथपथ हजारों योद्धाओं की मेजबानी की होगी. इसका निर्माण ग्लेडियेटर्स और जंगली जानवरों के बीच लड़ाई के लिए किया गया होगा. इसे भविष्य में किसी अन्य इमारत के रूप में नहीं बदला गया है. उन्होंने बताया कि मस्तूरा के आस-पास पश्चिमी अनातोलिया में कई बड़े शहर हैं, जिसमें एफ्रोडिसियास, मिलेटस, प्रीने, मैग्रेशिया और एफेसस शामिल है. इन इलाकों से लोग बड़ी संख्या में इस अखाड़े में खूनी संघर्ष का गवाह बनने के लिए आते होंगे.

1800 साल पहले हुए था इस कोलोजियम का निर्माण
शोधकर्ताओं का मानना है कि इस इमारत का निर्माण आज से 1800 साल पहले 200 AD में किया गया होगा. इस दौरान रोमन साम्राज्य में सेवेरस राजवंश का शासनकाल था. इस राजवंश में कुख्यात काराकाल और उसके पिता सेप्टिमियस सेवेरस शामिल थे. अक्कुरनाज ने बताया कि हमें इस बारे में स्पष्ट रूप से मालूम नहीं है कि ये किस राजा के शासनकाल के दौरान बनाया गया था. लेकिन इमारत का पत्थर का काम और चिनाई की तकनीक उसी समय से हैं, जिस समय सेवेरस राजवंश का शासनकाल था. इस राजवंश के दौरान, मस्तूरा शहर बहुत विकसित और समृद्ध था.


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