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जेल में डाल दिया गया है अथवा निर्वासन में रहने पर मजबूर किया गया है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को चीन संचालित भर्ती कार्यक्रम की संबद्धता को लेकर अमेरिकी संघीय अधिकारियों से झूठ बोलने का दोषी पाया गया है। अमेरिका में बोल्टन की संघीय कोर्ट में पांच दिनों तक चली सुनवाई के बाद संघीय ज्यूरी ने इस मामले में फैसला सुनाने से पूर्व करीब दो घंटे 45 मिनट तक विचार-विमर्श भी किया।
हार्वर्ड के रसायन विज्ञान एवं रासायनिक जीव विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष, चार्ल्स लिबर (62) को ज्यूरी ने झूठे कर रिटर्न दाखिल करने के दो मामलों, संघीय अधिकारियों को झूठे बयान देने के दो मामलों और विदेशी बैंक तथा वित्तीय खातों की रिपोर्ट दर्ज करने में नाकाम रहने के दो मामलों को लेकर दोषी ठहराया है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि देश के वरिष्ठ जिला न्यायालय के जज रिया डब्ल्यू जोबेल बाद की तारीख में लिबर को सजा देंगे, जिसका अभी निर्धारण नहीं किया गया है। लिबर के वकील मार्क मुकासी ने तर्क दिया था कि अभियोजकों के पास आरोप साबित करने के सबूत नहीं हैं।
लिबर पर जून 2020 में अभियोग लगाया गया और इससे पहले जनवरी 2020 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद से ही वे हार्वर्ड से सवैतनिक प्रशासनिक अवकाश पर हैं।
हांगकांग चुनाव रिपोर्ट देने बीजिंग पहुंची केरी लैम
हांगकांग के नेता केरी लैम बुधवार को बीजिंग में शीर्ष नेताओं के साथ बैठक कर रही है ताकि उन्हें नए कानूनों के तहत हुए क्षेत्र के पहले विधायी चुनावों की रिपोर्ट दी जा सके। क्षेत्र में नया चुनाव कानून यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था कि सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार देशभक्त उम्मीदवार ही चुनावों में खड़े हो पाएं।
उम्मीद के मुताबिक, 90 सीटों वाली विधान परिषद के लिए हुए चुनाव में चीन समर्थित नेताओं ने जीत हासिल कीं, जिन्होंने नरमपंथियों और निर्दलीय उम्मीदवारों को बुरी तरह मात दी। जबकि लोकतंत्र समर्थक विपक्ष में प्रमुख हस्तियों को चुप करा दिया गया है, जेल में डाल दिया गया है अथवा निर्वासन में रहने पर मजबूर किया गया है।
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