विश्व
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर कत्ल की कोशिशों का आरोप लगा, इस्लामाबाद में दर्ज FIR
Rounak Dey
23 Oct 2022 6:08 AM GMT
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यही जमा करना होता है जो कि देश की संपत्ति बन जाते हैं।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर कत्ल की कोशिशों का आरोप लगा है। इमरान के खिलाफ इस आरोप के चलते इस्लामाबाद के सेक्रेटेरियट पुलिस स्टेशन में केस भी दर्ज हो चुका है। जियो टीवी की तरफ से बताया गया है कि शनिवार को जो एफआईआर दायर की गई है वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के एक सांसद मोहसिन शाहनवजा रांझा की तरफ से है। रांझा ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग के ऑफिस के बाहर उन पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के समर्थकों ने हमला किया। रांझा के मुताबिक ये वो समर्थक थे जो तोशखाना केस में इमरान के अयोग्य ठहराये जाने के फैसले का विरोध कर रहे थे।
क्या है इमरान पर आरोप
रांझा ने अपनी एफआईआर में कहा है कि जब वह तोशखाना केस में बतौर अभिवादी हाजिर हुए तो उन पर इमरान के समर्थको ने हमला कर दिया। रांझा का कहना है कि जैसे ही वह आयोग के ऑफिस के बाहर निकले समर्थकों ने इमरान के इशारे पर हत्या के इरादे से उन्हें निशाना बनाया। जियो टीवी ने रांझा के हवाले से बताया कि कार का शीशा तोड़कर उन्हें मारने की कोशिश की गई। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि श्रीनगर हाइवे को पीटीआई के नेता के कहने पर ब्लॉक कर दिया गया था।
पीटीआई समर्थकों ने उनकी कार में तोड़फोड की और पत्थर फेंके। शुक्रवार को इमरान खान की संसद सदस्यता को आयोग ने निरस्त कर दिया है। उन पर विदेशी हस्तियों और राष्ट्राध्यक्षों की तरफ से दिए गए गिफ्ट्स को गैर-कानूनी तरीके से बेचने का आरोप लगा है।उन पर यह भी आरोप है कि जो तोहफे उन्हें बतौर पीएम विदेशी यात्राओं पर हासिल हुए थे, उनकी कीमत 140 लाख रुपये या 635,000 डॉलर थी। आयोग की तरफ से आए फैसले का पीटीआई समर्थक देशभर में विरोध कर रहे हैं।
तोशखाना मामले में बर्खास्त
इमरान खान की तरफ से भी चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका इस्लामाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को दाखिल की गई है। इमरान साल 2018 में पहली बार पीएम चुने गए थे और इस साल अप्रैल में उनकी कुर्सी चली गई है। उन्हें अरब और यूरोपियन देशों के दौरे पर कई महंगे तोहफे मिले थे। आरोप यह है कि इमरान ने इन्हें सस्ते दामों पर खरीदकर बड़े मुनाफे पर बेच दिया।
चुनाव आयोग की मानें तो इमरान की सरकार ने इस गैर-कानूनी काम के लिए कानूनी तौर पर अनुमति दी थी। तोशाखाना यानी कैबिनेट का वह विभाग जहां पर दूसरे देशों की सरकार, राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी मेहमानों की तरफ से दिए गए कीमती तोहफों को रखा जाता है। पाकिस्तान में यह नियम है कि हर पीएम को उन्हें मिले सारे तोहफों को यही जमा करना होता है जो कि देश की संपत्ति बन जाते हैं।
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