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पाकिस्तान (Pakistan) ने जिस तरह बांग्लादेश (Bangladesh) में लोगों पर अत्याचार किए हैं
पाकिस्तान (Pakistan) ने जिस तरह बांग्लादेश (Bangladesh) में लोगों पर अत्याचार किए हैं, इस बात की गवाह सारी दुनिया है. इस कारण पाकिस्तान से मांग की जाती है, वह बांग्लादेश में किए गए नरसंहार (Genocide) के लिए औपचारिक रूप से माफी मांगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी कड़ी में, एक पूर्व पाकिस्तानी राजनयिक ने कहा है कि इस्लामाबाद (Islamabad) को 1971 में अपनी सेना द्वारा किए गए 'नरसंहार' के लिए बांग्लादेश से औपचारिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
बांग्लादेश को इसकी आजादी से पहले तक पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना जाता था. भारत द्वारा समर्थित बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा 1971 में पाकिस्तानी सेना संग युद्ध किया गया. इसके बाद बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के सामने आया. बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई बेहद ही रक्तरंजित रही. बांग्लादेशी सरकार का कहना है कि नौ महीने तक चले इस युद्ध में तीस लाख लोगों की मौत हुई और हजारों की संख्या में महिलाओं संग दुष्कर्म किया गया.
पाकिस्तानी राजनयिक ने क्या कहा?
डेली स्टार अखबार के मुताबिक, अमेरिका में साल 2008 से 2011 तक पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने कहा, पाकिस्तानी सेना ने शेख मुजीब (बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान) को कैद किया और बंगालियों के खिलाफ नरसंहार की शुरुआत की. आज तक पाकिस्तान ने इसके लिए माफी नहीं मांगी है. पाकिस्तान का माफी मांगना सबसे विनम्र बात होगी. हक्कानी ने 'बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान: एन आइकोनिक लीडर ऑफ पीपुल्स स्ट्रगल फॉर फ्रीडम' शीर्षक से हुई एक वर्चुअल टॉक में कहा, पाकिस्तान के लोगों को अपनी सरकार से आग्रह करना चाहिए कि वह 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए सभी अत्याचारों के लिए बांग्लादेश के लोगों से औपचारिक माफी मांगे.
पाकिस्तानी शासकों ने बंगालियों को कभी नहीं समझा एक बराबर
पाकिस्तान से आने वाले हुसैन हक्कानी अंतरराष्ट्रीय रूप से ख्याति प्राप्त स्कोलर हैं. वर्तमान में वह अमेरिका में रह रहे हैं. हक्कानी ने इस बात को रेखांकित किया कि पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) पाकिस्तान के सत्तारूढ़ एलिट क्लास के लिए एक 'गोल्डन गूज' था. इसके पीछे की वजह वहां से बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा कमाना था. पूर्व राजनयिक ने कहा कि सामंतवादी पाकिस्तानी शासकों ने बंगाली लोगों को कभी भी एक बराबर नहीं समझा. 1970 के राष्ट्रीय चुनावों में बंगबंधु की पार्टी अवामी लीग की चुनावी जीत के बाद पाकिस्तान के सत्ताधारी कुलीन तब के पूर्वी पाकिस्तान के निर्वाचित प्रतिनिधियों को सत्ता सौंपने के लिए तैयार नहीं थे.
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