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चार उम्मीदवारों के कारण जापान में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई थी।
जापान को अब एक नए प्रधानमंत्री मिलने वाला है। जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने बुधवार को अपने नए नेता के लिए वोट किया, जिसमें फुमियो किशिदा ने जीत हासिल की। इसी के साथ ही उनके अगले पीएम बनने की भी बात साफ हो गई है। आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि जापान की राजनीतिक व्यवस्था ऐसी है कि लोगों की संसदीय चुनाव से ज्यादा दिलचस्पी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता के चुनाव में रहती है। इसकी मुख्य वजह यह ही है कि एलडीपी के चुने गए नेता का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय ही होता है।बताया गया है कि पार्टी के चीफ के रूप में चुने जाने के बाद निश्चित रूप से कुछ हफ्तों में होने वाले आम चुनाव से पहले और COVID-19 महामारी से लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के बीच किशिदा प्रधानमंत्री बन जाएंगे। बता दें कि जापान में संसदीय चुनाव के लिए अगले महीने मतदान होना है।
फुमियो किशिदा 64 साल के अमेरिकी-शिक्षित पूर्व रक्षा और पूर्व विदेश मंत्री रहे हैं। वहीं, उनके अलावा शीर्ष पद के लिए लड़ने वालों में लोकप्रिय वैक्सीन मंत्री 58 वर्षीय तारो कोनो, 60 साल की पूर्व आंतरिक मामलों की मंत्री साने ताकाइची और पार्टी की ही एक शाखा से जुड़ी 61 वर्षीय सेइको नोडा थी। टोक्यो होटल में पार्टी के विधायकों द्वारा मतदान किया गया, जो कि रैंक-एंड-फाइल सदस्यों और सांसदों के मतपत्रों के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने कहा था कि वह केवल एक वर्ष के बाद लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता के रूप में 29 सितंबर को पार्टी के नए नेता बनने के बाद पद छोड़ देंगे। बता दें कि नए पार्टी प्रमुख के अगले प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद पहले से ही जता दी गई थी, क्योंकि एलडीपी के पास संसद के शक्तिशाली निचले सदन में बहुमत है। हालांकि, चार उम्मीदवारों के कारण जापान में राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई थी।
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