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Fb कंपनी की पूर्व कर्मचारी ने किया खुलासा, कहा- 'फेसबुक की विफलता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा'

Renuka Sahu
6 Oct 2021 5:31 AM GMT
Fb कंपनी की पूर्व कर्मचारी ने किया खुलासा, कहा- फेसबुक की विफलता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
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फाइल फोटो 

चीन और ईरान फेसबुक के प्लेटफॉर्म का उपयोग दुश्मनों की जासूसी करने के लिए कर रहे हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन और ईरान फेसबुक के प्लेटफॉर्म का उपयोग दुश्मनों की जासूसी करने के लिए कर रहे हैं. इसकी जानकारी एक फेसबुक व्हिसलब्लोअर (Facebook Whistleblower) ने अमेरिकी कांग्रेस को दी है, जिसने इससे पहले फेसबुक के सीक्रेट इंटरनल डॉक्यूमेंट को लीक किया था और यूजर्स के मेंटल हेल्थ पर पड़ने वाले सोशल मीडिया के निगेटिव इंपैक्ट का खुलासा किया था. उन्होंने बताया कि फेसबुक की काउंटर-जासूसी टीम की कमी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.

'फेसबुक की विफलता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा'
37 वर्षीय डेटा इंजीनियर फ्रांसेस हौगेन अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल की मेन सोर्स हैं, जिन्होंने मई में फेसबुक छोड़ दिया था. उन्होंने कंपनी के आचरण का खुलासा किया है और कहती हैं कि उन्हें इस बात की प्रत्यक्ष जानकारी थी कि सरकारें साइट का उपयोग कैसे करती हैं. उन्होंने कहा कि विदेशी सरकारें सोशल नेटवर्क का उपयोग कैसे करती हैं, इसकी निगरानी के लिए फेसबुक की विफलता अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.
चीन और ईरान दोनों में प्रतिबंधित है फेसबुक
फेसबुक चीन और ईरान दोनों में प्रतिबंधित है, लेकिन फ्रांसेस हौगेन ने उपभोक्ता संरक्षण, उत्पाद सुरक्षा और डेटा सुरक्षा पर सीनेट कॉमर्स कमेटी की उपसमिति को बताया कि चीन की सरकार ने अपनी सीमाओं से परे उइगर आबादी की निगरानी के लिए फेसबुक का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा, 'मेरी टीम ने दुनिया भर के स्थानों में उइगर आबादी की निगरानी के लिए मंच पर चीनी भागीदारी पर नजर रखने पर सीधे काम किया.' हौगेन ने कहा, 'हमें ईरान सरकार के अन्य राज्य अभिनेताओं पर जासूसी करने की सक्रियता भी मिली. यह निश्चित रूप से एक ऐसी चीज है, जो हो रही है.'
राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा है फेसबुक की समझ
डेटा इंजीनियर फ्रांसेस हौगेन ने कहा, 'मेरा मानना है कि काउंटर-जासूसी, सूचना संचालन और आतंकवाद विरोधी टीमों को लेकर फेसबुक की समझ एक राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा है.' जुलाई में फेसबुक ने कहा Le कि उसने साइबर-जासूसी अभियान के तहत ईरान में हैकर्स के एक समूह द्वारा चलाए जा रहे लगभग 200 खातों को हटा दिया था, जिसमें ज्यादातर अमेरिकी सैन्य कर्मियों और रक्षा और एयरोस्पेस कंपनियों में काम करने वाले लोगों को टारगेट किया गया था.
फेसबुक की वजह से लोगों के बीच फैल रहा नफरत
फ्रांसेस हौगेन ने इस बात का खुलासा किया कि फेसबुक का Algorithm समाज के अलग-अलग वर्गों के बीच खाई पैदा कर रहा है. फेसबुक की वजह से लोग एक दूसरे से नफरत करने लगते हैं और कई बार तो इससे दंगों जैसी घटनाएं भी हो जाती है. हौगेन के मुताबिक कंपनी को ये बात अच्छी तरह से पता भी है और फेसबुक के पास वो सिस्टम भी है, जिसकी मदद से नफरत भरे कंटेंट को फैलने से रोका जा सकता है. पिछले साल अमेरिका में हुए चुनाव के दौरान फेसबुक ने इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया भी था, लेकिन इससे फेसबुक के विज्ञापन कम हो गए और इसीलिए चुनाव खत्म होते ही इस सिस्टम को बंद कर दिया गया. फेसबुक (Facebook) को हर साल विज्ञापनों से 6 लाख 30 हजार करोड़ रुपये की कमाई होती है.
भारत में भी फेसबुक से भड़कती है हिंसा
भारत समेत पूरी दुनिया में आज जहां भी हिंसा भड़कती है, दंगे होते हैं, लोग एक दूसरे के खिलाफ नफरत फैलाते हैं या सरकारों के खिलाफ प्रदर्शन होते हैं. उनमें से ज्यादातर की शुरुआत फेसबुक (Facebook) और व्हाट्सऐप (Whatsapp) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से होती है. यानी ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म दोधारी तलवार की तरह है जो लोगों तक जानकारी भी पहुंचाते हैं, लेकिन जान पर भारी भी पड़ते हैं.
चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती हैं फेसबुक जैसी कंपनियां
इजरायल के लेखक युवल नोआ हरारी कहते हैं कि जब आज के दौर में फेसबुक (Facebook) जैसी कंपनियां चुनावों के नतीजों को प्रभावित कर सकती है और वोटर्स के मन में ये बात डाल सकती है कि उन्हें किस नेता को वोट देना है. तो आने वाले दिनों में टेक्नोलॉजी कंपनियां आपके मस्तिष्क को भी हैक कर सकती है. और आपके जीवन के हर फैसले को प्रभावित कर सकती है. फेसबुक पहले से इसी दिशा में काम कर रही है.
लड़कियों के मन पर बुरा प्रभाव डाल रहा इंस्टाग्राम
फेसबुक को ये बात अच्छी तरह पता है कि 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के मन पर इंस्टाग्राम का बुरा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि वो इस प्लेटफॉर्म पर आने के बाद अपनी शारिरक बनावट और चेहरे को लेकर ज्यादा सजग हो जाती है और इससे इन लड़कियों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है. इसे लेकर इंस्टाग्राम ने एक गोपनीय सर्वे किया था, जिसमें 32 प्रतिशत टीनएजर्स लड़कियों ने माना था कि उन्हें अपनी शारीरिक बनावट पसंद नहीं है. कई लड़कियों ने तो ये भी माना था कि उन्हें इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई अपनी तस्वीर पसंद नहीं आती और उनका मन करता है कि वो आत्महत्या कर लें. इसके बावजूद इंस्टाग्राम 13 साल और उससे कम उम्र के बच्चों के लिए भी एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लाना चाहती थी. हालांकि विवाद के बाद इस योजना को रद्द कर दिया गया.


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