विश्व

दंगा भड़काने के आरोप में ब्राजील का पूर्व मंत्री गिरफ्तार

Rani Sahu
15 Jan 2023 3:31 PM GMT
दंगा भड़काने के आरोप में ब्राजील का पूर्व मंत्री गिरफ्तार
x
ब्राजील में दंगा भड़काने के आरोप में यहां कि पूर्व न्याय मंत्री एंडरसन टोरेस को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एंडरसन की गिरफ्तारी अमेरिका से लौटने के बाद हुई। टॉरेस पर जानबूझ दंगा भड़काने का आरोप लग रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दंगे भड़कने से पहले उन्होंने देश छोड़ दिया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के करीबी सहयोगी टोरेस को पिछले साल अक्तूबर में वर्तमान राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने हराया था। वह ब्रासीलिया की सार्वजनिक सुरक्षा के प्रभारी थे जब 8 जनवरी के दंगों के दौरान कांग्रेस, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन पर हमला किया गया था।
दंगों में पूर्व राष्ट्रपति की भूमिका की जांच करेगा सुप्रीम कोर्ट
ब्राजील की राजधानी ब्राजीलिया में बीते दिनों दंगे हुए थे, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के समर्थकों ने देश की संसद में घुसकर उत्पात मचाया था। अब उस मामले की जांच में ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति को भी शामिल करने की मंजूरी दे दी है। दरअसल इस मामले में अभियोजक ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि जेयर बोल्सोनारो को भी जांच के घेरे में लिया जाए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अभियोजक पक्ष ने आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति ने 10 जनवरी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें मतदान में धांधली के आरोप लगाए गए थे। हालांकि कुछ घंटे बाद ही जेर बोलसनारो ने यह वीडियो डिलीट कर दिया था।
1300 से अधिक बोल्सोनारो समर्थकों की गिरफ्तारी
राजधानी ब्राजीलिया में विरोध प्रदर्शन करने के लिए 1300 से अधिक बोल्सोनारो समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। एनएचके वर्ल्ड की रिपोर्ट में स्थानीय पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि उन्हें टोरेस के घर में अक्तूबर के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को उलटने वाला एक मसौदा आदेश मिला।
क्या है मामला?
बता दें कि बीते साल अक्तूबर में ब्राजील में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए थे। इन चुनाव में दक्षिणपंथी नेता और पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को अपने विरोधी लूला डी सिल्वा के सामने कड़े मुकाबले में हार झेलनी पड़ी थी। जिसके बाद नवंबर में बोल्सोनारो ने आरोप लगाया कि सॉफ्टवेयर की तकनीकी खराबी के चलते उनकी हार हुई क्योंकि इससे अधिकतर इलेक्ट्रिक वोट खारिज हो गए।
{जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।}
Next Story