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पूर्व PM एबॉट: चीन ने पश्चिम की सद्भावना का फायदा उठाया, भारत-ऑस्ट्रेलिया के झंडे

Neha Dani
9 Aug 2021 7:32 AM GMT
पूर्व PM एबॉट: चीन ने पश्चिम की सद्भावना का फायदा उठाया, भारत-ऑस्ट्रेलिया के झंडे
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भारत में ऑस्ट्रेलियाई शराब और ऊन निर्यात पर 150 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया जाता है.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) के विशेष व्यापार दूत टोनी एबॉट (Tony Abbott) ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापारिक समझौते (India-Australia trade deal) पर जोर दिया है. उन्होंने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े व्यापार भागीदार चीन (China) ने पश्चिम की सद्भावना का शोषण किया है. 'द ऑस्ट्रेलियन' में लिखे एक ओपिनियन में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम एबॉट ने तर्क दिया कि भारत दुनिया की उभरती लोकतांत्रिक महाशक्ति है और उसे विश्व मामलों में अपने सही स्थान का दावा करने की जरूरत है.

अपने ओपिनियन में टोनी एबॉट ने कहा, 'दुनिया की दूसरी उभरती हुई महाशक्ति (चीन) लगभग दिन-ब-दिन और अधिक लड़ाकू होती जा रही है. इसलिए ये सभी के हित में है कि भारत जल्द से जल्द दुनिया के अन्य मुल्कों के बीच अपना सही स्थान ले.' उन्होंने लिखा, 'व्यापार सौदे राजनीति के साथ-साथ आर्थिक भी होते हैं. ऐसे में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक व्यापारिक सौदा लोकतांत्रिक दुनिया का चीन से दूर जाने का एक महत्वपूर्ण संकेत होगा. साथ ही हमारे दोनों देशों के बीच लंबे समय तक समृद्धि को बढ़ावा देगा.' एबॉट ने बीजिंग द्वारा ऑस्ट्रेलियाई कोयले, जौ, शराब और समुद्री भोजन को बॉयकॉट करने की निंदा की.
चीन ने पश्चिम की सद्भावना का फायदा उठाया
एबॉट ने कहा कि जब ऑस्ट्रेलिया ने 2014 में जी20 अर्थव्यवस्था के साथ चीन के पहले व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया, तो उन्हें लगा था कि बढ़ती समृद्धि और अधिक आर्थिक स्वतंत्रता से चीन में राजनीतिक उदारीकरण होगा. लेकिन उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अब चीजें बिल्कुल ही बदल गई हैं. एबॉट ने कहा, 'चीन की शक्ति वैश्विक व्यापार नेटवर्क में एक कम्युनिस्ट तानाशाही को आमंत्रित करने के लिए स्वतंत्र दुनिया के फैसले का नतीजा है.' उन्होंने कहा, 'चीन ने हमारी तकनीक को चुराने और हमारे उद्योगों को कम करते हुए पश्चिम की सद्भावना और इच्छाधारी सोच का फायदा उठाया है.'
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 30 अरब डॉलर का व्यापार
टोनी एबॉट ने जोर देकर कहा कि ऑस्ट्रेलिया को चीन से बहुत दूर जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, भारत ऑस्ट्रेलिया का स्वाभाविक भागीदार है. उन्होंने कहा, 'भारत और ऑस्ट्रेलिया समान विचारधारा वाले लोकतंत्र हैं जिनके संबंध अविकसित थे, कम से कम जब तक नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं बने.' भारत ऑस्ट्रेलिया का सातवां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है, जिसका सालाना कारोबार लगभग 30 अरब डॉलर का है. हालांकि, दोनों देशों के बीच निर्यात पर बड़े टैरिफ मौजूद हैं. भारत में ऑस्ट्रेलियाई शराब और ऊन निर्यात पर 150 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया जाता है.

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