पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के यूएनजीए में दिए गए भाषण पर अफगानिस्तान काफी नाराज है। तालिबान और दूसरे अफगान नेताओं ने अफगानिस्तान पर लगाए गए आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में किसी भी सशस्त्र समूह की मौजूदगी नहीं है। शरीफ ने कहा था कि अफगानिस्तान आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है।
तालिबान शासन ने पाकिस्तानी पीएम से बिना शर्त माफी की मांग की है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने ट्वीट कर कहा कि शहबाज शरीफ का यूएनजीए में अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों की मौजूदगी के बारे में बयान दुर्भाग्यपूर्ण और सच्चाई से परे है। असलियत ये है कि पाकिस्तान सरकार दशकों से अफगानिस्तान के लोगों, संस्कृति और विरासत के खिलाफ आतंकवाद का पोषण कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि दुष्प्रचार और उग्रवाद का इस्तेमाल पाक की फितरत रही है।
उधर, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा कि एक आतंकवादी प्रायोजक और एक आतंकवादी समूह के बीच झगड़ा दिलचस्प है। शायद यह दुनिया को बेवकूफ बनाने और पाकिस्तानी सेना को पाक-साफ दिखाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मूर्ख बनाने की कला में माहिर है।