जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारत और चीन (India China Faceoff) के बीच सीमा विवाद को लेकर लंबे समय से गतिरोध चल रहा है. दोनों देशों की सेनाएं एलएसी पर आमने-सामने हैं. इस बीच, दोनों पक्ष बातचीत के जरिए तनाव को कम करने की कोशिश में लगे हैं. भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के बावजूद, चीन के साथ अपनी सीमा पर दशकों के 'सबसे खराब संकट' से पूरी दृढ़ता और परिपक्वता' के साथ निपटा है.
पेरिस के एक प्रमुख थिंक-टैंक में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में श्रृंगला ने फ्रांस में हाल में हुई दो आतंकी घटनाओं का भी जिक्र किया. साथ ही कहा कि आतंकवाद के खतरे को दूर करने के लिए दृढ़ता के साथ काम करने की जरुरत है.
प्रमुख भू-रणनीतिक मुद्दों पर बात करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि तात्कालिक चुनौतियां सीमा को लेकर भारत को उसकी रणनीतिक लक्ष्यों से डिगा नहीं पाई हैं, खासकर हिंद प्रशांत क्षेत्र में, जहां भारत मुक्त, समावेशी संरचना के निर्माण के लिए उद्देश्यपूर्ण तरीके से कई चरणों में आगे बढ़ रहा है.
श्रृंगला फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के अपने तीन दिवसीय दौरे पर पेरिस पहुंचे. श्रृंगला की फ्रांस यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब फ्रांस में हाल में एक और आतंकी घटना हुई है. गुरुवार को नीस में चाकू हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो ने इस घटना को "इस्लामी आतंकी हमला" बताया है.
श्रृंगला ने कहा कि भारत और फ्रांस का सामना कट्टरपंथ और आतंकवाद के रूप में समान गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरों से है, और आज की लड़ाई किसी विशिष्ट समुदाय या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि "कट्टरपंथी राजनीतिक-धार्मिक विचारधारा" के खिलाफ है.
पाकिस्तान से होने वाले सीमा पार के आतंकवाद का हवाला देते हुए श्रृंगला ने कहा कि भारत अपनी पश्चिमी सीमा पर लगातार कड़ी चौकसी बनाए हुए है.