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अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर विदेश मंत्रालय जताई चिंता

Tara Tandi
12 Aug 2021 2:14 PM GMT
अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति पर विदेश मंत्रालय जताई चिंता
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अफगानिस्तान में लगातार खराब होती जा रही स्थिति के बीच भारत ने उम्मीद जताई कि जल्द ही वहां पर शांति बहाल होगी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अफगानिस्तान में लगातार खराब होती जा रही स्थिति के बीच भारत ने उम्मीद जताई कि जल्द ही वहां पर शांति बहाल होगी. हम अफगानिस्तान की सभी शांति पहलों का समर्थन कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत दोहा में अफगानिस्तान पर एक बैठक में भाग ले रहा है. इस बैठक में अफगानिस्तान के कई हितधारक भी शामिल होंगे.

अफगानिस्तान की स्थिति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सुरक्षा की स्थिति चिंता का विषय है. हम लगातार मॉनिटर कर रहे हैं. हम तत्काल और लगातार सीजफायर की उम्मीद करते हैं. हम अफगानिस्तान की सभी शांति पहलों का समर्थन कर रहे हैं. हमारी प्राथमिक चिंता उस देश में शांति और स्थिरता की बहाली को लेकर है. हम एक संप्रभु अफगानिस्तान के लिए एक समृद्ध भविष्य की आशा करते हैं.

तालिबान के साथ चर्चा से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम सभी हितधारकों, विभिन्न हितधारकों के संपर्क में हैं. मैं इस संबंध में आगे कुछ नहीं कहना चाहूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारत दोहा में अफगानिस्तान को लेकर एक बैठक में भाग ले रहा है. इस बैठक में अफगानिस्तान के कई हितधारक भी शामिल होंगे.

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'बाहरी हस्तक्षेप नहीं हो'

पिछले महीने दोहा में पाक-तालिबान के बीच बैठक पर अरिंदम बागची ने कहा कि हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. हम अफगानिस्तान में शांति के लिए कहते रहे हैं. बाहरी हस्तक्षेप नहीं होने चाहिए. क्षेत्रीय ताकतों सहित सभी दलों को इसे समझना चाहिए.

अफगानिस्तान में चल रही भारतीय परियोजनाओं के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि वे भारतीय परियोजनाएं नहीं हैं. वे अफगानिस्तान की परियोजनाएं हैं जिसे भारत की सहायता से की जा रही हैं.

अफगानिस्तान में कितने भारतीय हैं, के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास नंबर नहीं है, लेकिन हम सभी को लौटने की सलाह देंगे. साथ ही यह भी कहा कि काबुल स्थित दूतावास को बंद नहीं किया जा रहा.

तालिबान द्वारा पकड़े गए भारतीय हेलीकॉप्टरों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कुंदुज में हेलीकॉप्टर के बारे में बात हुई है जिसे छोड़ दिया गया है. यह अफगानिस्तान का आंतरिक मामला है क्योंकि यह भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर नहीं है. यह एक अफगान कॉप्टर है.

'हिंदू और सिख समुदाय से संपर्क में'

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल काबुल में हमारे मिशन ने अफगानिस्तान से हिंदू और सिख समुदाय के 383 से अधिक लोगों को भारत वापस लाने में मदद की थी. काबुल में हमारा मिशन अफगान हिंदू और सिख समुदाय के सदस्यों के साथ संपर्क में बना हुआ है और हम उन्हें सभी आवश्यक सहायता का प्रावधान सुनिश्चित करेंगे.

अफगानिस्तान से अल्पसंख्यक समुदाय की स्थिति के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि हम घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, हम बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं. काबुल में हमारे मिशन ने इस सप्ताह की शुरुआत में भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की, जिसमें उन्हें कमर्शियल फ्लाइट्स के माध्यम से भारत लौटने की सलाह दी गई.

उन्होंने कहा कि हमने भारतीय नागरिकों के लिए कॉमर्शियल फ्लाइट्स के जरिए अफगानिस्तान छोड़ने के लिए एडवाइजरी जारी की थी. अभी कोई औपचारिक निकासी तंत्र तैयार नहीं किया गया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अलग से, मजार-ए-शरीफ में हमारे वाणिज्य दूतावास ने इस सप्ताह की शुरुआत में भारत के सभी कर्मियों को वापस ले लिया है, लेकिन यह एक अस्थायी उपाय है. वहां हमारा वाणिज्य दूतावास स्थानीय रूप से भर्ती किए गए कर्मचारियों के साथ काम करना जारी रखे हुए है.Live TV

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