विश्व

दूसरी बार अमेरिकी नौसेना पर भड़का चीन, जहाजों से जलक्षेत्र में घुसपैठ का लगाया आरोप

Khushboo Dhruw
20 May 2021 8:43 AM GMT
दूसरी बार अमेरिकी नौसेना पर भड़का चीन, जहाजों से जलक्षेत्र में घुसपैठ का लगाया आरोप
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जलक्षेत्र में अमेरिकी पोत पर घुसपैठ का आरोप लगाते हुए क्षेत्र में अमेरिकी नौसैन्य गतिविधि को लेकर दूसरी बार अपना विरोध दर्ज कराया है

चीन ने दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में पारासेल द्वीप समूह के आसपास के अपने जलक्षेत्र में अमेरिकी पोत पर घुसपैठ का आरोप लगाते हुए क्षेत्र में अमेरिकी नौसैन्य गतिविधि को लेकर दूसरी बार अपना विरोध दर्ज कराया है. दक्षिणी थियेटर कमान की ओर से दिए गए एक बयान में कहा गया कि निर्देशित मिसाइल विनाशक जहाज यूएसएस कर्टिस विल्बर ने गुरुवार को 'अवैध' कार्रवाई की, जिसके बाद चीनी बलों को वहां भेजना पड़ा और उससे इलाके से बाहर जाने की मांग की गई.

बयान में कहा गया कि अमेरिकी कार्रवाई 'कृत्रिम रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा जोखिमों को बढ़ाती है और सागर में गलतफहमियों, गलत फैसलों और दुर्घटनाओं की आशंका पैदा करती है.' इसने पोत के अभ्यास को 'गैर पेशेवर और गैर जिम्मेदाराना' बताते हुए कहा कि चीनी बल दक्षिण चीन सागर में शांति एवं स्थिरता बरकरार रखते हुए देश के संप्रभुता के दावों की रक्षा करने के लिए दृढ़ हैं (US Navy in South China Sea). अमेरिका समूचे दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को मान्यता देने से इनकार करता है और नियमित रूप से कथित नौवहन अभियान चलाकर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में नौवहन के अपने अधिकार की पुष्टि करता रहता है.
पहले भी दर्ज कराया था विरोध
चीन ने बुधवार को ताइवान जलडमरूमध्य से विल्बर के गुजरने को लेकर शिकायत जारी की थी. साथ ही इसे क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को जोखिम में डालने वाली उकसावे की कार्रवाई बताया था (US Warship in South China Sea). इसके जवाब में अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े ने कहा था कि निर्देशित मिसाइल विध्वंसक यूएसएस कर्टिस विल्बर ने अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन किया है और वह इसी के अनुसार नियमित दौरे पर ताइवान स्ट्रेट से गुजरा है. ये वो रास्ता है, जो एक स्वतंत्र और खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
अमेरिकी नौसेना ने दिया करारा जवाब
अमेरिकी नौसेना ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून (International Laws) के तहत कहीं भी उड़ान या समुद्र में जहाज का संचालन करना जारी रखेगी. इस जलडमरूमध्य क्षेत्र की बात करें तो यह अंतरराष्ट्रीय जल में आता है. जबकि चीन उसे स्वशासित ताइवान का हिस्सा मानता है. लेकिन यहां अमेरिकी सेना की मौजूदगी को ताइवान की लोकतांत्रित सरकार के प्रति समर्थन का प्रदर्शन माना जाता है. चीन की ओर से कहा गया है कि उसके बलों ने जहाज पर नजर रखी हुई है और अमेरिका पर क्षेत्रीय स्थिति को प्रभावित करने का आरोप लगाया था.


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