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हांगकांग में साल 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शन देखने को मिले थे
हांगकांग (Hong Kong) के संशोधित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National Security Law) के तहत पहली बार मुकदमे का सामना करने वाले व्यक्ति को अलगाववाद (Secessionism) और आतंकवाद (Terrorism) का दोषी पाया गया है. हांगकांग हाई कोर्ट (Hong Kong High Court) ने 24 वर्षीय तोंग यिंग कित (Tong Ying-kit) से संबंधित मामले में यह फैसला सुनाया है. हांगकांग में साल 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शन (Hong Kong 2019 Protest) देखने को मिले थे. इसके बाद ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लाया गया था.
तोंग यिंग कित पर आरोप था कि वह पिछले साल एक जुलाई को एक झंडा थामे मोटरसाइकिल पर सवार होकर पुलिस अधिकारियों के समूह में घुस गया था. झंडे पर लिखा था, 'हांगकांग को आजाद करो, यह हमारे समय की क्रांति है.' यह घटना हांगकांग पर संशोधित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाए जाने के एक दिन बाद हुई थी. चीन (China) ने साल 2019 में हांगकांग में महीनों चले सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद संशोधित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था. इस आदेश को काफी करीब से देखा जा रहा है ताकि यह अंदाजा लगाया जा सके कि भविष्य में ऐसे ही मामलों से कैसे फैसले सुनाए जाएंगे.
अधिकतम आजीवान कारावास की मिल सकती है सजा
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. तोंग ने अलगाववाद और आतंकवाद के आरोप तय करने के बजाय खतरनाक तरीके से वाहन चलाने जैसे वैकल्पिक आरोप लगाने की गुहार लगाई थी. तोंग को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनायी जा सकती है. उसके वकील गुरुवार को सजा सुनाए जाने के दौरान हल्की सजा देने की अपील कर सकते हैं. न्यायमूर्ति एस्थर तोह ने फैसला सुनाते हुए कहा कि तोंग ने आतकंवादी गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसका मकसद राजनीतिक एजेंडा पूरा करने के लिये समाज को गंभीर नुकसान पहुंचाना था.
नारा लिखा झंडा उकसावे का काम
एस्थर तोह ने कहा कि उसका व्यवहार केंद्र और हांगकांग की सरकारों को मजबूर करने और जनता को डराने के उद्देश्य से हिंसा फैलाने के समान था. उन्होंने कहा कि नारा लिखा झंडा साथ रखना अलगाव के लिए उकसाने वाला कार्य है. चूंकि अभियोजन पक्ष इस बात को लेकर निश्चित था कि उसने आतंकवाद और अलगाव के आरोपों के 'प्रत्येक तत्व' को साबित कर दिया है, इसलिए अदालत ने खतरनाक ड्राइविंग के आरोप पर सुनवाई नहीं करने का फैसला किया. मामले की सुनवाई 20 जुलाई को पूरी हुई थी.
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