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पहली बार देखा यह घटना मृत तारे की वजह से हुआ सुपरनोवा विस्फोट

Tara Tandi
4 Sep 2021 6:06 AM GMT
पहली बार देखा यह घटना मृत तारे की वजह से हुआ सुपरनोवा विस्फोट
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एक नाटकीय खगोलीय घटना में खगोलविदों ने ऐसे प्रमाण देखे हैं

एक नाटकीय खगोलीय घटना में खगोलविदों ने ऐसे प्रमाण देखे हैं जिससे एक खास तरह का सुपरनोवा विस्फोट (Supernova explosion) होते देखा गया है. इस घटना में एक ब्लैक होल (Black Hole) या न्यूट्रॉन तारा (Neutron Star) अपने साथी तारे का चक्कर लगा रहा था. ऐसे में वह अपने साथी तारे के क्रोड़ या केंद्र में चला गया जिससे साथी तारा सुपरनोवा की तरह विस्फोटित हो गया. पहली बार देखी गई इस तरह की घटना का वेरी लार्ज ऐरे स्काई सर्वे (VLASS) के आंकड़ों के जरिए पता चल सका जिससे वे इसके पूरे घटनाक्रम का जानकारी निकालने में सफल रहे.

अपवाद नहीं है यह घटना

इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्नातक छात्र डिल्लन डोंग ने बताया कि सैद्धांतिक रूप से यह घटना कभी भी हो सकती है, लेकिन यह पहली बार जब इस तरह की घटना का अवलोकन किया जा सका है. यह अध्ययन साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है

पहले नहीं दिख रहा था ये पिंड

इस घटना के पहले संकेत तब मिले जब वैज्ञानिक VLASS की तस्वीरों का अध्ययन कर रहे थे जिसने साल 2017 में अवलोकन शुरू किया था. उन्होने पाया कि एक पिंड चमकीली रेडियो तरंगें उत्सर्जित कर रहा है जो पुराने VLA स्काई सर्वे में दिखाई नहीं दिया था. इस सर्वे की तस्वीरें फेंट इमेजेस ऑफ द रेडियो स्काई एट 20 सेंटीमीटर्स (FIRST) कही जाती हैं.

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कहां हुई यह घटना

शोधकर्ताओं ने VT 1210+4956 कहे जाने वाले इस पिंड के अवलोकन VLA और हवाई के केक टेलीस्कोप के जरिए किए. उन्होंने पाया कि यह रेडिया उत्सर्जन एक बौनी तारों का निर्माण करने वाली गैलेक्सी से आ रहे हैं जो पृथ्वी से 48 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर स्थित है. बाद में उन्होंने यह भी पाया कि 2014 मे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के उपकरण ने भी इस पिंड से आने वाले एक्स रे प्रस्फोट को भी देखा था.


ऐतिहासिक घटना की कहनी

इन सभी आंकड़ों के अवलोकनों से वैज्ञानिकों को एक सदी पुराने इतिहास की एक शानदार कहानी का पता चला जिसमें दो विशालकाय तारों के बीच मृत तारों के बीच की यह घटना हुई थी. ये दो तारे युग्म तारे थे जो एक दूसरे के चक्कर लगा रहे थे. इनमें से एक दूसरे बहुत ज्यादा भारी था जो अपने जीवन को जल्दी से खत्म करने के बाद एक सुपरनोवा के रूप में विस्फोटित हुआ और अपने पीछे या तो ब्लैक होल या फिर एक अति सघन न्यूट्रॉन तारा छोड़ गया

ऐसे हुई शुरुआत

इस ब्लैक होल या न्यूट्रॉन तारे की कक्षा अपने साथी के पास आती गई और करीब 300 साल पहले इसने अपने साथी के वायुमंडल में प्रवेश कर लिया. जिसके बाद 'मौत का नाच' शुरू हुआ. इस समय अंतरक्रिया से साथी तारे से निकली गैस अंतरिक्ष में फैल गई और उससे जोड़े के बाहर एक फैलती डोनट के आकार का छल्ला बन गया जिसे टोरस (Torus) कहा जाता है.


ऐसे निकलने लगी प्रकाशीय जेट

इसके बाद ब्लैक होल या न्यूट्रॉन तारा साथी तारे के क्रोड़ की ओर अंदर आता गया और उसने साथी तारे के नाभकीय संलयन प्रक्रिया में बाधा डाली जिससे बहुत ज्यादा ऊर्जा निकली. इस ऊर्जा ने साथी तारे को अपने ही गुरुत्व के कारण सिमटने से रोके रखा. लेकिन जब क्रोड़ सिकुड़ी तो इसने एक डिस्क बना ली जो टकराने वाले पिंड की सामग्री से बनी हुई थी और वहीं से प्रकाश की गति एक पदार्थ की जेट भी निकलने लगी. जिसे साल 2014 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने पकड़ा

साथी तारे की क्रोड़ के सिकुड़ने से एक सुपरनोवा विस्फोट हुआ जो अपने साथी के सुपरनोवा विस्फोट के बाद हुआ था. साथी तारे में विस्फोट होना ही था, लेकिन इस विलय की घटना ने विस्फोट तेज कर दिया. लेकिन जेट पदार्थ से ज्यादा तेजी से निकल रहा था लेकिन VLASS के अवलोकन के समय सुपरनोवा विस्फोट पदार्थ से टकरा रहा था , जिससे चमकीले रेडियो उत्सर्जन निकले. इस तरह से तारे के अवशेषों ने अपने साथी को समय से बहुत पहले ही विस्फोटित कर दिया.


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