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चर्चा के लिए... अगले हफ्ते भारत आ रहे है...अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो...चीन के खिलाफ रणनीति पर होगी बात

Neha Dani
21 Oct 2020 4:54 AM GMT
चर्चा के लिए... अगले हफ्ते भारत आ रहे है...अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो...चीन के खिलाफ रणनीति पर होगी बात
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भारत (India) के साथ सीमा विवाद को तूल देकर अलग-थलग पड़े चीन को अगले हफ्ते |

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारत (India) के साथ सीमा विवाद को तूल देकर अलग-थलग पड़े चीन को अगले हफ्ते एक और झटका लगने वाला है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो (Mike Pompeo) भारत आ रहे हैं. इस दौरान चीन के खिलाफ रणनीति पर भी बातचीत होगी. अमेरिका शुरुआत से ही नई दिल्ली का समर्थन करता रहा है और वह चीन से मुकाबले के लिए एक खास रणनीति तैयार कर रहा है. इस लिहाज से पॉम्पियो की यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है.

होगी 2+2 वार्ता

दरअसल, माइक पॉम्पियो और अमेरिकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर (Mike Esper) अगले हफ्ते भारत-अमेरिका के बीच होने वाली 2+2 वार्ता में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचेंगे. इस दौरान, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में खड़ीं चुनौतियों और उनसे निपटने के समाधान पर चर्चा की जाएगी.

सदी की सबसे अहम मुलाकात

अटलांटिक काउंसिल के अध्यक्ष फ्रेडरिक केम्पी के सवाल के जवाब में मार्क एस्पर ने अपनी भारत यात्रा के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत के साथ 2+2 वार्ता के लिए अगले हफ्ते वह पॉम्पियो के साथ नई दिल्ली में होंगे. 27 अक्टूबर को हम भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर (S Jaishankar) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से मुलाकात करेंगे. एस्पर ने इस मुलाकात और इंडो-पैसिफिक में भारत के साथ साझेदारी को सदी में सबसे अहम बताया.

बर्दाश्त नहीं करेंगे

अमेरिकी रक्षा सचिव ने आगे कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां बहुत योग्य और गुणी लोग हैं. भारत हर दिन चीन की आक्रामकता का सामना कर रहा है, खासकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर. चीन कुछ अन्य देशों पर भी कूटनीतिक और सैन्य दबाव बना रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

बन सकती है सहमति

भारत और अमेरिका के नेताओं की इस मुलाकात में चीन की रणनीतिक चुनौती के सामने दोनों देशों के गठबंधन को मजबूत करने पर बातचीत होगी. माना जा रहा है कि इस दौरान खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान पर भी कोई सहमति बन सकती है. गौरतलब है कि भारत-अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता का यह तीसरा चरण है. सबसे पहले भारत ने 2018 में इसकी मेजबानी की थी. इसके बाद 2019 में अमेरिका में वार्ता हुई और अब फिर से भारत में होने जा रही है.

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