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दुनियाभर में जो खतरनाक मौसम स्थिति देखी जा रही है, वह जरूर इस ओर इशारा करती है।
पश्चिमी यूरोप में विनाशकारी बाढ़ से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर रविवार को 180 से ज्यादा हो गयी। बाढ़ का पानी घटने के बाद बचावकर्मी मलबे में फंसे लोगों की तलाश कर रहे हैं।
पुलिस ने पश्चिमी जर्मनी के राइनलैंड-पैलेटिनेट राज्य में बाढ़ से बेहद प्रभावित अह्रविलर क्षेत्र में मृतकों की संख्या 110 से ज्यादा बताई है। उसने कहा कि मरनेवालों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका है। जर्मनी की सबसे अधिक आबादी वाले उत्तरी राइन-वेस्टफलिया राज्य में 45 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से चार अग्निशमन कर्मी हैं। वहीं, बेल्जियम में 27 लोगों के मरने की पुष्टि हुई।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल रविवार शाम तक अह्रविलर के निकट स्थित सलुड गांव का दौरा कर सकती हैं। इससे पहले राष्ट्रपति शनिवार को इस इलाक़े में पहुंचे थे और दीर्घकालीन सहायता मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई थी।
जर्मनी, बेल्जियम और नीदरलैंड के बेहद प्रभावित इलाकों में बारिश रुक गई है लेकिन पश्चिमी और मध्य यूरोप के हिस्सों में तूफ़ान और बारिश जारी है। जर्मन-चेक सीमा इलाके और जर्मनी के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र और ऑस्ट्रिया के सीमावर्ती इलाकों में शनिवार रात बाढ़ आ गई। जर्मनी की आच नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद बेर्चटेस्गाडेन इलाके में 65 लोगों को बचाया गया लेकिन कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई।
जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि खतरनाक मौसम स्थिति और तापमान में वृद्धि का संबंध गलत नहीं है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है। वैज्ञानिकों ने कहा कि वे तत्काल निश्चित तौर पर तो यह नहीं कह सकते हैं कि जलवायु परिवर्तन की वजह से बाढ़ आई लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनियाभर में जो खतरनाक मौसम स्थिति देखी जा रही है, वह जरूर इस ओर इशारा करती है।
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