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पाकिस्‍तान में बाढ़ से कहर मचा, अब तक 1,162 लोग इस जलप्रलय में मारे गए

Rounak Dey
31 Aug 2022 8:25 AM GMT
पाकिस्‍तान में बाढ़ से कहर मचा, अब तक 1,162 लोग इस जलप्रलय में मारे गए
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भारत में अल्‍पसंख्‍यकों के अधिकारों को कम किया जा रहा है। हम इलाके में शांत‍ि चाहते हैं। हम अपनी इच्‍छा से पड़ोसी नहीं हैं।'

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान में बाढ़ से कहर मचा हुआ है और अब तक 1,162 लोग इस जलप्रलय में मारे गए हैं। पाकिस्‍तान सरकार का दावा है कि इस बाढ़ में 10 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। पाकिस्‍तान में सब्जियों के दाम जब आसमान छूने लगे तो देश के वित्‍त मंत्री मिफ्ताह इस्‍माइल ने कहा कि हम भारत से इसके आयात पर विचार करेंगे। इस बीच अब पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि भारत से खाद्यान या सब्‍जी के आयात की कोई योजना नहीं है। यही नहीं आतंकी हाफिज सईद को पालने वाले शहबाज शरीफ ने जहरीला बयान देते हुए इस महासंकट में भी भारत से आयात के पूरे मामले को जम्‍मू- कश्‍मीर से जोड़ दिया।


इस बीच पाकिस्‍तान के व‍ित्‍त मंत्री इस्‍माइल ने अपने ताजा ट्वीट में भी कहा, 'एक से ज्‍यादा अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसियों ने सरकार से अनुमति मांगी है कि उन्‍हें जमीनी सीमा के जरिए भारत से फूड आइटम मंगाने की अनुमति दी जाए। पाकिस्‍तान सरकार अपने गठबंधन सहयोगियों और प्रमुख घटकों से विचार करने के बाद आपूर्ति की कमी है या नहीं इसको देखते हुए फूड आइटम के भारत से आयात को मंजूरी देने पर फैसला लेगी।' इससे पहले शहबाज शरीफ ने इस्‍माइल के भारत से आयात के बयान को खारिज कर दिया था।

पाकिस्‍तान की बाढ़ पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया था और खबरों के मुताबिक भारत अभी सहायता देने पर विचार कर रहा है। इससे दोनों ही देशों के बीच सहयोग बढ़ने की संभावना बढ़ गई थी। भारत के साथ आयात के मुद्दे पर पाकिस्‍तानी मीडिया ने जब शहबाज शरीफ को मंगलवार को घेर लिया तो उन्‍होंने जहरीला बयान दिया। शहबाज शरीफ ने कहा, 'भारत के साथ व्‍यापार में कोई समस्‍या नहीं होगी लेकिन वहां कथित नरसंहार चल रहा है और कश्‍मीरी जनता को उनके अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं।'

शरीफ ने कहा, 'कश्‍मीर को अनुच्‍छेद 370 को खत्‍म करके हड़प लिया गया।' उनका इशारा भारत के जम्‍मू-कश्‍मीर के विशेष दर्जे को खत्‍म करने की ओर था। शहबाज शरीफ ने कहा, 'मैं पीएम मोदी के साथ बैठने और बातचीत के लिए तैयार हूं। हम युद्ध को सहन नहीं कर सकते हैं। हमें अपने-अपने देश में गरीबी को खत्‍म करने के लिए संसाधनों का इस्‍तेमाल करना होगा लेकिन विभिन्‍न मुद्दों का सुलझाए बिना हम शांति में नहीं रह सकते हैं।' उन्‍होंने कहा, 'हमें इस मौके पर राजनीति नहीं करना चाहिए लेकिन यह तथ्‍य है कि भारत में अल्‍पसंख्‍यकों के अधिकारों को कम किया जा रहा है। हम इलाके में शांत‍ि चाहते हैं। हम अपनी इच्‍छा से पड़ोसी नहीं हैं।'


न पीने का पानी, न टॉयलेट जाने और न आग


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