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ऑस्ट्रेलिया में बाढ़ का कहर जारी, लगाई गई नेशनल इमरजेंसी

Neha Dani
9 March 2022 10:48 AM GMT
ऑस्ट्रेलिया में बाढ़ का कहर जारी, लगाई गई नेशनल इमरजेंसी
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मेरी सरकार यह समझने के लिए स्थिति की बारीकी से निगरानी करेगी कि लोगों को इन आपदाओं से उबरने के लिए और किस चीज की जरूरत है.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने कहा कि देश के उत्तर-पूर्व में बाढ़ को राष्ट्रीय आपातकाल (national emergency) घोषित करने की योजना है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मॉरिसन ने उत्तरी राज्य न्यू साउथ वेल्स में भयंकर बाढ़ से प्रभावित समुदायों का दौरा किया.

2 साल बाद लगेगी इमरजेंसी
इस घोषणा से संघीय सरकार को ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल को तैनात करने और प्रभावित क्षेत्रों में वित्तीय सहायता पहुंचाने में मदद मिलेगी. साल 2019-20 ब्लैक समर बुशफायर संकट के मद्देनजर सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है, जब राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया गया है.
नेताओं से किया परामर्श
उन्होंने एक बयान में कहा कि मैंने बुधवार को नेताओं के परामर्श से यह फैसला किया है. यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे मंत्रियों और एजेंसियों को किसी भी अनावश्यक नौकरशाही का सामना न करना पड़े, क्योंकि वे समुदायों की जरूरत की चीजें मुहैया करा रहे हैं.
पीएम को दौरे के दौरान मिली प्रतिक्रिया
मॉरिसन ने कहा कि समुदायों, राज्य सरकारों और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले मेरे अपने मंत्रियों से हमें जो प्रतिक्रिया मिली है, उससे हमें यह जानने में मदद मिली कि अभी कहां कमियां हैं और जहां जरूरत है, वहां हम जल्दी से समर्थन कैसे प्राप्त कर सकते हैं.
सरकार ने दी आर्थिक मदद
फरवरी के आखिर में शुरू हुई बाढ़ (Australia flood) में कम से कम 20 लोग मारे गए और हजारों इमारतें तबाह या क्षतिग्रस्त हो गई हैं. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने पीड़ितों के लिए आपातकालीन राहत, खाद्य राहत और परामर्श सेवाओं के लिए 2.5 करोड़ ऑस्ट्रेलिया डॉलर (1.82 करोड़ डॉलर) और लंबी अवधि की मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 3.12 करोड़ ऑस्ट्रेलिया के डॉलर (2.27 करोड़ डॉलर) की घोषणा की है.
स्थिति की होगी निगरानी
मॉरिसन ने कहा कि हम लंबे समय तक मानसिक स्वास्थ्य टोल को कम करके, नहीं आंक सकते हैं, जिसका सामना कई समुदाय करेंगे. साथ ही नए मानसिक स्वास्थ्य समर्थन की हम घोषणा कर रहे हैं. मेरी सरकार यह समझने के लिए स्थिति की बारीकी से निगरानी करेगी कि लोगों को इन आपदाओं से उबरने के लिए और किस चीज की जरूरत है.


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