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जिनेवा, (आईएएनएस)| अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन (आईएलओ) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, कम काम के घंटे और अधिक लचीली कार्य समय व्यवस्था, जैसे कि कोरोना वायरस संकट के दौरान उपयोग की जाने वाली व्यवस्था, अर्थव्यवस्थाओं, उद्यमों और श्रमिकों को लाभान्वित कर सकती है और बेहतर एवं अधिक स्वस्थ्य कार्य-जीवन संतुलन के लिए जमीन तैयार कर सकती है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबकि, 'वकिर्ंग टाइम एंड वर्क-लाइफ बैलेंस अराउंड द वल्र्ड' शीर्षक वाली रिपोर्ट अपनी तरह की पहली है। यह काम के समय, काम के घंटे और काम के समय की व्यवस्था और श्रमिकों के कार्य-जीवन संतुलन पर उनके प्रभावों के दोनों मुख्य पहलुओं की व्यापक समीक्षा प्रदान करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, स्टैंडर्र्ड आठ घंटे के दिन या 40 घंटे के कार्य सप्ताह की तुलना में वैश्विक कार्यबल का एक बड़ा हिस्सा अब लंबे या छोटे घंटे काम कर रहा है। सभी श्रमिकों में से एक तिहाई से अधिक नियमित रूप से प्रति सप्ताह 48 घंटे से अधिक काम कर रहे हैं, जबकि वैश्विक कार्यबल का पांचवां हिस्सा प्रति सप्ताह 35 घंटे से कम के छोटे घंटे काम कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 संकट के पैमाने से शक्तिशाली नए सबूत मिले हैं कि श्रमिकों को कैसे और कब काम करना है, इस बारे में अधिक लचीलापन देना उनके लिए और व्यवसाय के लिए सकारात्मक हो सकता है। रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि स्वस्थ्य कार्य-जीवन संतुलन और बेहतर उत्पादकता दोनों को बढ़ावा देने के लिए कई देशों में काम के घंटों में कमी को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक नीति प्रतिक्रियाओं की जरूरत है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि कार्य-जीवन संतुलन नीतियां उद्यमों को महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती हैं।
--आईएएनएस
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