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ताइवान की पहचान सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाले मुल्क के तौर पर भी होती है.
एक पूर्व चीनी अधिकारी (Chinese official) ने अमेरिका (America) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) को 'महायुद्ध' की धमकी दी है. चीनी अधिकारी विक्टर गाओ (Victor Gao) ने कहा है कि अगर ताइवान (Taiwan) के साथ सैन्य संघर्ष के दौरान इसके लोकतांत्रिक सहयोगी ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका इसकी रक्षा के लिए आगे आए तो महायुद्ध छिड़ जाएगा. गाओ कभी कम्युनिस्ट नेता देंग शियाओपिंग के अनुवादक के तौर पर काम करता थे. लेकिन अब चीनी सरकार के लिए एक माउथपीस बन चुके हैं. उन्होंने पश्चिमी शक्तियों को ताइवान पर कब्जा करने के चीन के इरादे से खुद को दूर रखने की चेतावनी दी है.
ताइवान मुख्य चीनी भू-भाग से 1949 में अलग हो गया था. यहां लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेता हैं और ये बीजिंग (Beijing) के एकीकरण और अधिनायकवादी शासन का घोर विरोध करते हैं. लेकिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने बार-बार कहा है कि यदि जरूरत पड़ी तो सैन्य बल का इस्तेमाल करके चीन के महान कायाकल्प के हिस्से के रूप में 2027 तक ताइवान पर कब्जा करने की उनकी योजना है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने पिछले महीने प्रतिबद्धता जताई थी कि अगर द्वीप को जीतने की कोई कोशिश की गई तो अमेरिकी सैनिक चीन के रास्ते में खड़े होंगे.
चीनी अधिकारी ने क्या कहा?
शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन (Peter Dutton) ने भी इसी तरह की टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर ताइवान पर हमला होता है, तो ऐसे हालात में ऑस्ट्रेलियाई सैनिक अमेरिका का समर्थन करेंगे. इस बयानों ने चीन के वुल्फ वॉरियर राजनयिकों के तौर पर देखे जाने वाले विक्टर गाओ को क्रोधित कर दिया है. गाओ ने 60 Minutes से बात करते हुए कहा, 'जो लोग एककीकरण को रोकना चाहते हैं, वे असफल होकर बर्बाद हो जाएंगे.'
पूर्व चीनी अधिकारी ने कहा, 'यदि ऑस्ट्रेलिया चीन की मुख्य भूमि और चीन के ताइवान के बीच पुनर्मिलन के लिए चीन के मिशन में अमेरिकी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ने के लिए जाता है, तो आप सबसे बुरी चीज के बारे में बात कर रहे हैं. आप अक्सर ऐसी चीजें सपने में ही देखते हैं और वो चीज है, चीन और अमेरिका के बीच युद्ध.' उन्होंने कहा, 'ये युद्ध आपके हाथों से निकल जाएगा और जल्द ही महायुद्ध में तब्दील हो जाएगा.'
ताइवान के पश्चिमी मुल्कों संग बेहतर रिश्ते
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और इसलिए बीजिंग इसे अपने देश का हिस्सा बनाने पर तुला हुआ हैं. वहीं ताइवान एक लोकतांत्रिक द्वीप है, जहां लोगों को चीन के मुकाबले अधिक आजादी है. गृह युद्ध के दौरान ताइवान चीन से अलग हो गया था. ताइवान के अमेरिका, जापान और पश्चिमी मुल्कों से अच्छे रिश्ते हैं. ये अमेरिका से बड़े पैमाने पर हथियारों की खरीददारी भी करता है. इसके अलावा, ताइवान की पहचान सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाले मुल्क के तौर पर भी होती है.
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