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ईरान में फंसे पांच भारतीय नाविक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत वापस लाने में मदद मांगी

Neha Dani
12 July 2021 10:47 AM GMT
ईरान में फंसे पांच भारतीय नाविक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत वापस लाने में मदद मांगी
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इसके बाद से ही ये नाविक मदद का इंतजार कर रहे हैं.

ईरान (Iran) में पांच भारतीय नाविक फंस (Indian Sailors Stranded in Iran) गए हैं और उन्होंने मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से गुहार लगाई है. इन लोगों ने पीएम मोदी से गुहार लगाई है कि वे उन्हें भारत में वापस लाने में मदद करें और विदेशों में रोजगार देने के नाम पर उन्हें ठगने वाले एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करें. इंडियन वर्ल्ड फोरम (Indian World Forum) ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.

एक बयान में फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह ने कहा, मुझे चाबहार, सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत, ईरान में लगभग दो वर्षों से फंसे पांच भारतीय नाविकों से सहायता से जुड़ा हुआ और संकटपूर्ण संदेश प्राप्त मिला है. फंसे हुए भारतीय नागरिकों में महाराष्ट्र के रहने वाले दो व्यक्ति हैं, जिनके नाम अनिकेत शाम येनपुरे (29) और मंदार मिलिंद वर्लीकर (26) हैं. वहीं, उत्तराखंड के नवीन सिंह (26), बिहार के प्रणव कुमार (22) और तमिलनाडु के थमिजसेलवन रेंगासामी (30) भी ईरान में फंसे हुए हैं.
400 दिनों से जेल में बंद थे पांचों नागरिक
एक वीडियो संदेश में नाविकों ने कहा कि उन्हें 21 फरवरी 2020 को कथित तौर पर ड्रग्स की तस्करी के आरोप में ईरानी अधिकारियों द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) से गिरफ्तार किया गया था. इनमें से एक व्यक्ति ने वीडियो मैसेज में कहा, धोखाधड़ी के मामले में हम लगभग 400 दिन जेल में बंद रहे हैं. 9 मार्च को रिहा होने के बावजूद ईरानी अधिकारियों ने हमारे पासपोर्ट और दस्तावेज नहीं दिए हैं. हम मुसीबतों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, हमारे यहां बहुत खराब स्थिति है. इन एजेंटों ने हमें ठगा और यहां भेजा. हम भारत सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं, ताकि किसी और को वह न भुगतना पड़े जो हम यहां झेल रहे हैं.
रिहाई के बाद से ही मदद का इंतजार
इन लोगों ने आगे कहा कि जहाज के कप्तान ने अदालतों और जांचकर्ताओं के सामने बार-बार गवाही दी है कि वह नशीले पदार्थों की तस्करी की साजिश का मास्टरमाइंड था और इसमें पांच भारतीय नाविकों की कोई भूमिका नहीं थी. नाविकों और उनके परिवारों ने संबंधित अधिकारियों से मदद के लिए बार-बार गुजारिश की है. हालांकि, उनकी गुजारिशों की जांच नहीं की गई है और उन पर विस्तार से विचार भी नहीं किया गया. 8 मार्च 2021 को चाबहार की स्थानीय अदालत ने उन्हें निर्दोष पाया और उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया था. इसके बाद से ही ये नाविक मदद का इंतजार कर रहे हैं.

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