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अमेरिका चीन के अपने क्षेत्र, अपने लोगों और उसके सही हितों की रक्षा करने के संकल्प को कमतर नहीं आंकेगा।’’
अमेरिका और चीन के शीर्ष अधिकारियों ने अलास्का में दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को पूरी कर ली। जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद अमेरिका और चीन के शीर्ष अधिकारियों की आमने-सामने हुई यह पहली बैठक है।
एंकरेज में हुई बैठक दोनों देशों के लिए एक नयी परीक्षा है। अमेरिका और चीन के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक सैन्य कदमों और हांगकांग तथा शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों तथा कोरोना वायरस वैश्विक महामारी समेत कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है।
अमेरिका ने चीनी प्रतिनिधिमंडल पर ''दिखावा करने'' का आरोप लगाया तो वहीं बीजिंग ने पलटवार करते हुए कहा कि अमेरिका के शीर्ष राजनयिकों के साथ वार्ता से ''साजिश की बू'' आ रही है।
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बैठक समाप्त होने के बाद कहा, ''हमें रक्षात्मक प्रतिक्रिया मिली।''
उन्होंने कहा, ''हम उनके साथ चीन द्वारा उठाए कई कदमों पर अपनी चिंताएं साझा करना चाहते थे और हमने उन मुद्दों को उठाया। हम अपनी नीतियों, प्राथमिकताओं तथा दुनिया के विचार भी स्पष्ट तौर पर रखना चाहते थे, और हमने वो भी किया।''
वहीं चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख यांग जिएची ने कहा कि मतभेदों को दूर करने का एकमात्र तरीका संवाद है लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीजिंग का किसी भी मुद्दे पर पीछे हटने का इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा, ''चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता, सुरक्षा और देश के विकास में अपने हितों की रक्षा करेगा। हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका चीन के अपने क्षेत्र, अपने लोगों और उसके सही हितों की रक्षा करने के संकल्प को कमतर नहीं आंकेगा।''
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