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कनाडा में ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला मामला आया सामने, यात्रा करने वाले 2 लोगों में संक्रमण की पुष्टि

Subhi
29 Nov 2021 2:42 AM GMT
कनाडा में ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला मामला आया सामने, यात्रा करने वाले 2 लोगों में संक्रमण की पुष्टि
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कनाडा में ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार नाइजीरिया की यात्रा करने वाले दो लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।

कनाडा में ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार नाइजीरिया की यात्रा करने वाले दो लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के सामने आने के बाद से कनाडा में कोरोना जांच बढ़ा दी गई है। इस बीच खतरे को देखते हुए ब्रिटेन द्वारा G-7 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई गई है। बैठक में ओमिक्रॉन के फैलने और उसके रोकथाम के उपायों पर चर्चा की जाएगी। जी-7 देशों में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।

सिंगापुर ने दिखाई सख्ती
उधर सिंगापुर कोरोना वायरस के नए वैरिएंट 'ओमिक्रॉन' पर बहुत करीब से नजर रख रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार सिंगापुर ने 'ओमिक्रॉन' के प्रसार के जोखिम को कम करने के लिए एहतियाती कदम के रूप में कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से आने वाले यात्रियों को क्वारंटीन में ढील देने वाले कदम को पीछे कर लिया है। यानी कि अब पहले वाले नियम का पालन करना होगा।
भारत सरकार ने जारी किए दिशानिर्देश
कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप से जंग के लिए भारत सरकार ने चौकसी बढ़ा दी है। विदेश से आने वाले यात्रियों को एक दिसंबर से यात्रा शुरू करने के पहले एयर सुविधा पोर्टल पर निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। पिछले 14 दिन का यात्रा विवरण भी बताना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार देर शाम ये दिशा-निर्देश जारी किए।
अब खतरे वाले देशों से आने वालों की भारत आते ही कोरोना जांच होगी। रिपोर्ट आने तक उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोका जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उन्हें सात दिन घर पर या जहां भी ठहरे हों, वहां क्वारंटीन रहना होगा। आठवें दिन दोबारा जांच होगी। इसमें भी रिपोर्ट निगेटिव आई तो अगले सात दिन खुद पर निगरानी रखनी होगी।
अन्य देशों से आने वालों को हवाई अड्डे से निकलने की अनुमति तो होगी, पर उन्हें 14 दिन खुद की निगरानी करनी होगी, लक्षण दिखने पर सूचना प्रशासन को देनी होगी। इन देशों की उड़ानों के 5 फीसदी यात्रियों की एयरपोर्ट पर जांच कराई जाएगी। पॉजिटिव मिलने पर उनके सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे।

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