विश्व
जापान में मिला ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट का पहला मामला, महिला हुई संक्रमित
Renuka Sahu
12 April 2022 4:50 AM GMT
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फाइल फोटो
जापान ने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन XE वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि कर दी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जापान (Japan) ने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन XE वेरिएंट (Omicron XE Variant) के पहले मामले की पुष्टि कर दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि टोक्यो (Tokyo) के पास नारिता एयरपोर्ट पर पहुंची एक महिला इस वेरिएंट से संक्रमित पाई गई है. महिला की उम्र 30 साल के करीब है और वह अमेरिका में रह रही थी. जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय ने महिला की नागरिकता बताए बिना कहा कि जब वह 26 मार्च को एयरपोर्ट पहुंची, तो उसमें किसी तरह के लक्षण दिखाई नहीं दिए थे.
मरीज को कोरोना वायरस के खिलाफ फाइजर वैक्सीन की दोनों डोज लग गई हैं. लेकिन वह एयरपोर्ट पहुंचने पर हुई जांच में पॉजिटिव पाई गई. XE स्ट्रेन की बात करें, तो इसका पता लगाने के लिए जेनेटिक सीक्वेंसिंग टेस्ट किया जाता है, जिसके लिए मरीज के सैंपल लेने होते हैं. यहां ये टेस्ट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इनफेक्टियस डिजीज में किया गया है. महिला का क्वारंटाइन पूरा करने से पहले उसका वहीं इलाज किया गया, जहां बाकी संक्रमितों का किया जा रहा है.
BA.1 और BA.2 का कॉम्बिनेशन है XE
कोरोना वायरस के XE स्ट्रेन को लेकर कहा जा रहा है कि यह ओमिक्रॉन वेरिएंट के BA.1 और BA.2 सब टाइप का कॉम्बिनेशन है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी संक्रमण दर BA.2 से 12.6 फीसदी अधिक तेज है. हालांकि इसकी गंभीरता को लेकर अभी अधिक जानकारी नहीं मिल सकी है. सब वेरिएंट की मूल प्रोपर्टीज और इसके खिलाफ दवा या फिर वैक्सीन की प्रभाविकता को BA.2 सब टाइप के बराबर ही माना जा रहा है. इंस्टीट्यूट का ये भी कहना है कि एयरपोर्ट पर आकर क्वारंटीन किए गए दो और लोगों के सैंपल आए हैं. ये ममाले ओमिक्रॉन वेरिएंट के जेनेटिक मटीरियल से जुड़े लग रहे हैं लेकिन इनके प्रकार का अब तक पता नहीं चल सका है.
ब्रिटेन में 5 अप्रैल तक 1000 केस मिले
XE वेरिएंट के मामले दुनिया के कई और देशों में भी मिल रहे हैं. ब्रिटेन में 5 अप्रैल तक इसके करीब 1100 केस सामने आए. हालांकि देश में मिल रहे कुल मामलों में ये वेरिएंट एक फीसदी जिम्मेदार है. ओसाका इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के अध्यक्ष काजुशी मोटोमुरा का कहना है, 'यह अभी तक ब्रिटेन में ज्यादा गंभीर नहीं हुआ है, जहां ये पहले पहुंच चुका है और ऐसा होने की आशंका भी कम है कि यह जापान में तेजी से फैलेगा.'
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