पहले दिए 45 करोड़ डॉलर, भारत ने दिखाई आंख तो बाइडेन को लगने लगा पाकिस्तान खतरनाक
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कुछ दिनों पहले अमेरिकी सांसद तुलसी गेबार्ड ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पार्टी से इस्तीफा देते हुए गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि रूस-यूक्रेन युद्ध में बाइडेन ने आग में घी डालने का काम किया है. पश्चिमी देशों का ये पुराना इतिहास रहा है. आपस में दो देशों को लड़ाकर अपना हित साधना. अमेरिका अपने हथियारों को बेचने के लिए ऐसा करता रहा है. आज विश्व का सबसे ताकतवर व्यक्ति जो बाइडेन ये कह रहें हैं कि पाकिस्तान दुनिया के लिए खतरनाक है. यूएस के इस बयान के बाद कई लोगों को हंसी तक आ रही है. ये कुछ ऐसी बात हो गई जैसे कि आप किसी को दूसरों के खिलाफ मजबूत करें और वो आप पर ही बरस पड़े.
अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता की मंजूरी दी. भारत ने इसकी कड़ी आलोचना की. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हर किसी को पता है कि एफ-16 फाइटर विमानों का इस्तेमाल कहां और किसके लिए होता है. एस जयशंकर ने आगे कहा कि इस तरह की बात कहकर आप किसी को बेवकूफ नहीं बना सकते हैं. हालांकि अमेरिका ने मंजूरी देने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि आतंकवादी खतरों से निपटने की इस्लामाबाद की क्षमता बढ़ाने के लिए विमानों का रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए सैन्य उपकरण उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है.
'पाकिस्तान दुनिया के लिए खतरा'
शुक्रवार को लॉस एंजिल्स में डेमोक्रेटिक कांग्रेस अभियान समिति के स्वागत समारोह में बोलते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है. बाइडेन कहते हैं मुझे लगता है कि पाकिस्तान शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है. इसके परमाणु हथियारों पर किसी का नियंत्रण नहीं है. पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान में नाम का लोकतंत्र है. यहां सरकारें सेना ही चुनती है और सेना ही गिराती है. खूंखार आतंकी संगठनों का सबसे बड़ा पनाहगाह पाकिस्तान ही है. अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी ओसाम बिन लादेन भी यहीं छिपकर बैठा था. अब ऐसे में अगर ये बम किसी आतंकी संगठन के हाथ लग जाएं तो ये पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा हो जाएगा.
जब खतरा तो क्यों की मदद?
बाइडेन के इस बयान के बाद गुस्सा भी आता है और हंसी भी. जानते हुए भी कि पाकिस्तान पूरी दुनिया के लिए खतरा है आपने 450 मिलियन डॉलर की मदद कर दी. दरअसल, ये एक कूटनीति है. चूंकि भारत ने पूरी दुनिया के सामने अमेरिका को ये जता दिया था कि पाकिस्तान के लिए उसका प्यार भारत की दोस्ती की राह में रोड़ा बन सकता है. अब भारत को भी दुनिया कमतर नहीं आंकती. इसलिए बाइडेन ऐसा बयान देकर अमेरिका की गलती को छिपाने की कोशिश में लगे हैं.
पूरी दुनिया के हालात नाजुक मोड़ पर
इस वक्त के हालात अच्छे नहीं है. रूस-यूक्रेन वॉर हो या चीन और ताइवान के बीच टेंशन. रूस तो खुलकर कह चुका है कि वो परमाणु हमला कर सकता है. हालांकि कोई भी देश ऐसा करने से हजार बार सोचेगा. लेकिन अगर युद्ध जल्द ही नहीं रुका तो कुछ भी हो सकता है. अमेरिका ने भी कह दिया है कि वो भी परमाणु अटैक कर सकता है. विश्व की अगर दो बड़ी शक्तियों ने इसका इस्तेमाल किया तो दुनिया तो वैसे भी खत्म की कगार पर आ जाएगी.
तुलसी गबार्ड ने बाइडेन पर लगाए आरोप
अमेरिकी कांग्रेस की पहली महिला हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने तीन दिन पहले ही बाइडेन की पार्टी छोड़ते हुए गंभीर आरोप लगाए थे. तुलसी ने एक सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें वो पार्टी के और नेताओं से अपील करते हुए कह रहीं थीं कि मेरी तरह सोच रखने वालों को अब डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ देना चाहिए. 41 साल की तुलसी गबार्ड भारतीय मूल की नहीं हैं. उनका जन्म अमेरिका में हुआ था. वो हमेशा भारत से अच्छे रिश्तों की पैरोकार रही हैं. वो हवाई से चार बार सांसद रहीं इससे पहले वो अमेरिकी सेना में थीं. 12 महीने इराक में भी तैनात रहीं. उन्होंने रूस-यूक्रेन के युद्ध का कारण तक बाइडेन को बता दिया.
यूक्रेन को दिया भरोसा मगर पीछे हटे
अमेरिका ने पहले यूक्रेन को हर तरह से मदद का भरोसा दिया. यूक्रेन इसी बहकावे में आया रूस से जंग कर बैठा. कुछ दिन पहले यूक्रेन ने क्रीमिया के ब्रिज पर हमला कर दिया. ये अटैक पुतिन की नाक का सवाल था. इसके बाद रूसी सेना ने एक के बाद एक 75 मिसाइलों से शहर के शहर तबाह कर दिए. इस बार मिसाइल ये नहीं देख रहीं थीं कि यहां पर आम आदमी है या फिर यूक्रेन की सेना. रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया. ऊर्जा प्लांट्स पर बम गोले बरसाए गए जिससे कई शहरों की लाइट गायब हो गई. इसके बाद बाइडेन आए और रूस की निंदा की. निंदा से क्या तबाही रुक जाएगी. इसका जवाब शायद बाइडेन के पास भी न हो.
आतंक पर पीएम मोदी की दो टूक
पीएम मोदी ने विश्व के हर मंच पर आतंक को मानवता के लिए बड़ा खतरा बताया है. उन्होंने विश्व समुदाय से कई बार मिलकर इससे निपटने की बात कही है. अमेरिका भी भारत की इस बात का समर्थन करते आया है. मगर इन सबके बावजूद अमेरिका की ये मदद समझ ये परे है. अमेरिका सफाई दे रहा है कि उसने लड़ाकू विमान के रख रखाव के लिए ये मदद की है. ये वही F-16 विमान है जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के वक्त किया था. तब भारत के मिग-21 ने इसको खदेड़कर भगा दिया था. उस वक्त मिग को तत्कालीन विंग कमांडर अभिनंदन उड़ा रहे थे
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