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श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग, 1 की मौत, 10 से ज्यादा जख्मी

Neha Dani
20 April 2022 7:47 AM GMT
श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग, 1 की मौत, 10 से ज्यादा जख्मी
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संविधान में 19वें संशोधन को बहाल करने का एक प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया.

संकटग्रस्त द्वीप राष्ट्र में रातोंरात ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ मध्य श्रीलंका में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई. हिंसक झड़प में 11 पुलिसकर्मी समेत 29 घायल हुए.श्रीलंका में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. कोलंबो से 85 किलोमीटर दूर रामबुकना में प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल पंपों पर पुरानी दरों पर ईंधन देने की मांग की, बाद में उन्होंने रामबुकना में सभी सड़कों और रेलवे लाइनों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे शहर में पहुंचने के रास्ते पूरी तरह से बंद हो गए. पुलिस ने पहले भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और फिर गोलियां चलाईं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. पुलिस प्रवक्ता निहाल थलडुवा ने कहा कि पुलिस ने शुरू में प्रदर्शनकारियों को आगे से बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन उन्होंने अधिकारियों पर पथराव किया. जिससे पुलिस को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी. अधिकारियों ने कहा कि इस महीने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद पहली घातक झड़प में 11 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 29 लोग घायल हो गए हैं. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि अस्पताल में कम से कम चार और लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है

मंगलवार को देशभर के प्रदर्शनकारियों ने दिनभर प्रमुख शहरों में सड़कों को अवरुद्ध किए रखा, जिससे देश की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो गई. देश के प्रमुख पेट्रोल रिटेलर द्वारा कीमतों में लगभग 65 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद रामबुकना समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन आयोजित हुए थे.श्रीलंका की मदद जारी रखेगा भारत ईंधन की कीमतों में वृद्धि के बाद देश के बस के किराए में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कई खाद्य पदार्थो की दरों में भी वृद्धि की गई. अभूतपूर्व आर्थिक संकट से ग्रस्त श्रीलंका में हाल के हफ्तों में कई बड़े प्रदर्शन हुए हैं. भोजन की कमी, ईंधन की बढ़ती कीमतों और भारी बिजली कटौती से जनता में आक्रोश है. श्रीलंका पर अरबों डॉलर का कर्ज है और वह अपनी किश्तें नहीं चुका पा रहा है. उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है. हिंसा के पहले प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने राष्ट्रपति की शक्तियों पर अंकुश लगाने और संसद को सशक्त बनाने के लिए संविधान में 19वें संशोधन को बहाल करने का एक प्रस्ताव मंगलवार को पेश किया.
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