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गर्म हवा को नियंत्रण में रखने वाले हाई प्रेशर वाले रिज को जिम्मेदार माना जा रहा है.
दिल्ली समेत उत्तर भारत ही नहीं इस समय कई देश गर्मी की भीषण मार झेल रहे हैं. अमेरिका और अक्सर ठंडा रहने वाले कनाडा, पाकिस्तान में झुलसाने वाली गर्मी पड़ रही है. अकेले ओरेगोन में प्रशांत उत्तरी पश्चिमी लू के चलते कम से कम 95 लोगों की मौत हो गई है. माना जा रहा है कि पिछले एक सप्ताह में अमेरिका के उत्तर-पश्चिमी हिस्से और दक्षिण-पश्चिमी कनाडा में लू से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. (Heat Wave in US-Canada)
प्रांत के डेमोक्रेटिक गवर्नर केट ब्राउन ने रविवार को सीबीएस के 'फेस द नेशन' कार्यक्रम में कहा, 'इस तरह की घटनाओं के बाद हम हमेशा समीक्षा करते हैं और देखते हैं कि अगली बार क्या कर सकते हैं.' पोर्टलैंड में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस और सिएटल में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े को छू चुका है. अमेरिका के पूर्वी हिस्से में भी अब गर्मी बढ़ रही है. इदाहो और पूर्वी मोनटाना के कई हिस्सों में रविवार को तापमान 38 डिग्री तक रहा.
लोगों को पानी पिलाने की अपील
सरकारी अधिकारियों ने लोगों को गर्मी के लिए चेताया है. साथ ही उनसे अपील की है कि जगह-जगह कूलिंग स्टेशन और पीने के पानी की व्यवस्था करें. इससे भटके हुए लोगों की जान बचाई जा सकती है. गवर्नर ब्राउन ने कहा कि हम पहले ही काफी लोगों को गंवा चुके हैं. वैज्ञानिक मान रहे हैं कि ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से यह दुर्लभ heat wave देखने को मिल रही है.
ग्लोबल वॉर्मिंग बड़ी वजह
माना जा रहा है कि अमेरिका और कनाडा में पड़ रही भीषण गर्मी की बड़ी वजह ग्लोबल वॉर्मिंग है. जलवायु परिवर्तन (Global Warming) की वजह से तापमान रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहा है. साल 2019 दशक का सबसे गर्म साल दर्ज किया गया था. यही नहीं पिछले पांच साल अब तक के सबसे गर्म साल रहे हैं. ओरेगॉन से कनाडा के आर्कटिक क्षेत्रों तक फैली चिलचिलाती गर्मी के लिए इस क्षेत्र में गर्म हवा को नियंत्रण में रखने वाले हाई प्रेशर वाले रिज को जिम्मेदार माना जा रहा है.
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