यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद विश्व समुदाय रूस की चौतरफा घेरेबंदी में जुटा है. रूस की ओर से परमाणु डेटरेंट फोर्स को हाईअलर्ट पर डाले जाने के बाद अमेरिका ने भी अपनी परमाणु फोर्स को अलर्ट कर दिया है. वहीं, अब ब्रिटेन ने सभी रूसी बैंकों की संपत्ति को फ्रीज करने का ऐलान कर दिया है. टर्की भी काला सागर में एक्शन में आ गया है.
एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक टर्की के राष्ट्रपति ने कहा है कि उन्होंने रूस और यूक्रेन के साथ अपने संबंधों को लेकर हार नहीं मानी है. उन्होंने साथ ही ये भी कहा है कि उनका देश एक इंटरनेशनल कंवेंशन को लागू करेगा जो टर्की को काला सागर में प्रवेश के लिए जलडमरूमध्य को बंद करने की अनुमति देता है. दो युद्ध कर रहे देशों के युद्धपोत को काला सागर में जाने से रोका जाएगा. टर्की ने कुछ दिन पहले भी एक रूसी युद्धपोत को काला सागर में प्रवेश से रोक दिया था. टर्की के राष्ट्रपति की ओर से इस ऐलान के पहले ही रूस के कई युद्धपोत जलडमरूमध्य के रास्ते काला सागर में जा चुके हैं. ऐसे में ये साफ नहीं है कि टर्की के इस कदम का युद्ध पर कितना असर पड़ेगा. टर्की ने यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की आलोचना की है.
कनाडा की सरकार ने भी रूस पर बड़ी चोट की है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने रूस से तेल के आयात पर बैन लगा दिया है. कनाडा ने साथ ही यूक्रेन की सैन्य मदद का भी ऐलान किया है. दूसरी तरफ, अमेरिकी अधिकारियों ने रूसी राष्ट्रपति की ओर से अपनी परमाणु फोर्स को तैनात करने के आदेश को खतरनाक बताया है. हालांकि, अधिकारियों ने साथ ही ये भी कहा है कि इससे देश को रणनीतिक खतरे में बदलाव के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं.
एक तरफ विश्व के कई देश रूस को रणनीतिक रूप से घेरने में जुटे हैं. वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन को कई देश हथियार मुहैया कराने का भी ऐलान कर रहे हैं. अब फिनलैंड ने यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई करने का ऐलान किया है. फिनलैंड के प्रधानमंत्री ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति के निर्णय को ऐतिहासिक निर्णय बताया है. फिनिश संसद में इस बात को लेकर चर्चा हो रही है कि नाटो की सदस्यता से संबंधित आवेदन से जुड़े मामले को कैसे हैंडल किया जाए. फ्रांस की ओर से कहा गया है कि यूरोपियन यूनियन के सदस्य रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं. फ्रांस की ओर से ये बयान यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की ओर से यूरोपीय यूनियन की सदस्यता के लिए आवेदन पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद आया है.
यूक्रेन के हालात को लेकर अब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट भी एक्शन में आ गया है. इंटरनेशनल कोर्ट ने पहले ही कहा था कि वह यूक्रेन के हालात पर नजर बनाए हुए हैं. अब कोर्ट की ओर से ये कह दिया गया है कि हम यूक्रेन के हालात की जांच करेंगे. गौरतलब है कि यूक्रेन की सरकार ने रूस पर नरसंहार करने का आरोप लगाते हुए इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कई देशों ने रूसी विमानों के लिए अपने एयर स्पेस बंद करने का ऐलान कर दिया है. रूस ने भी अब जवाब में अल्बानिया, ब्रिटेन, फ्रांस, एस्टोनिया, फिनलैंड, हंगरी, डेनमार्क, ग्रीस, आयरलैंड, इटली समेत कई देशों के लिए अपना एयर स्पेस बंद करने का ऐलान कर दिया है. इससे पहले रूस की ओर से परमाणु डेटरेंट फोर्स को अलर्ट किए जाने के बाद बेलारूस ने इसे लेकर जनमत संग्रह कराया है.