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नई दिल्ली: फिनलैंड और स्वीडन रक्षा गठबंधन नाटो में शामिल होने के लिए अंतिम कदम उठा रहे हैं। फिनलैंड के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने एक साझा प्रेस रिलीज में जानकारी दी है कि फिनलैंड को बिना देर किए नाटो सदस्यता के लिए आवेदन करना चाहिए। न्यू एजेंसी एएफपी ने रिपोर्ट दी है कि इस मसले पर 15 मई को आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
प्रेस रिलीज में बताया गया है कि हालिया दिनों में फिनलैंड की संभावित नाटो सदस्यता पर एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई है। इस मामले पर संसद और समाज को अपना पक्ष रखने के लिए समय देने की जरूरत है। नाटो और उसके सदस्य देशों के साथ-साथ स्वीडन के साथ घनिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय संपर्कों के लिए वक्त की जरूरत है। हम चर्चा को जरूरी जगह देना चाहते हैं।
रिलीज में आगे बताया गया है कि चूंकि अब फैसला लेने का समय नजदीक है, हम संसदीय समूहों और दलों को सूचना देने के लिए भी अपने समान विचार व्यक्त करते हैं। नाटो की सदस्यता से फिनलैंड की सुरक्षा मजबूत होगी। नाटो के सदस्य के रूप में, फिनलैंड पूरे रक्षा गठबंधन को मजबूत करेगा। फिनलैंड को बिना देर किए नाटो सदस्यता के लिए आवेदन करना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि इस फैसले को लेने के लिए अभी भी जरूरी राष्ट्रीय कदम अगले कुछ दिनों में तेजी से उठाए जाएंगे।
नाटो की सदस्यता पर फिनलैंड और स्वीडन इस हफ्ते अहम फैसला ले सकते हैं। यूक्रेन पर रूसी हमलों के बाद से दोनों ही देशों को समझ आ गया है कि ताकतवर पड़ोसी देश से टकराव टालने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि वे किसी भी सैन्य संगठन से बाहर रहें।
दोनों देशों की सत्ताधारी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी अगर अगले कुछ दिनों के में नाटो में शामिल होने का समर्थन करती है तो नाटो रूस की दहलीज तक पहुंच जाएगा। स्वीडन 200 से अधिक सालों से सैन्य गठजोड़ में शामिल होने से बचता रहा है, तो द्वितीय विश्व युद्ध में रूस के हाथों पराजय के बाद से फिनलैंड ने भी तटस्थ रुख अख्तियार कर रखा है।
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