रूसी चैनल अपने लोगो को यूक्रेन वॉर के बारे में क्या कवरेज़ दिखा रहे हैं, जानिये
एक मार्च यानी मंगलवार की रात साढ़े दस बजे रूस के टेलीविज़न पर सरकारी मीडिया जो पेश कर रहा था वो वास्तविकता से परे कवरेज़ का एक बेहतरीन उदाहरण था. जब बीबीसी वर्ल्ड टीवी ने अपने बुलेटिन की शुरुआत कीएव में एक टीवी टावर पर हुए हमले से की तो रूसी टीवी इस बात की घोषणा कर रहा था कि अपने शहरों पर हमलों के लिए यूक्रेन ही ज़िम्मेदार है. अब सवाल ये उठता है कि रूस में टेलीविज़न देखने वाले लोग इस युद्ध के बारे में क्या देख रहे हैं? समाचारों के माध्यम से वो क्या सुन रहे हैं? इस लेख में हम वो बताने रहे हैं, जो पहली मार्च 2022 को रूस की आम जनता ने वहां की सरकार या उसके कॉरर्पोरेट सहयोगियों के नियंत्रण वाले विभिन्न टीवी चैनलों पर देखा.
रूस में सरकारी नियंत्रण वाले मशहूर चैनलों में से एक चैनल वन पर ब्रेकफास्ट न्यूज़ अन्य देशों की ही तरह सामान्य ख़बरों, संस्कृति और हल्के फुल्के मनोरंजन के मिले-जुले स्वरूप से अलग नहीं होता है. लेकिन मंगलवार की सुबह मॉस्को के समय के मुताबिक 05:30 बजे प्रसारण का क्रम बाधित हुआ. एंकर ने कहा कि टीवी कार्यक्रम ताज़ा ख़बरों की वजह से बदला जा रहा है और आगे इस प्रोग्राम में समाचार ही प्रसारित होंगे. अनुभवहीन दर्शकों को गुमराह करने के लिए तैयार किए गए न्यूज़ बुलेटिन में बताया गया कि यूक्रेन की सेना के रूसी सेना को पहुंचाए गए नुकसान की ख़बरें ग़लत हैं. एंकर दर्शकों को ये बताते हैं कि "इंटरनेट पर वो फ़ुटेज फ़ैलाई जा रही हैं जिसे फ़ेक के अलावा कुछ और नहीं कहा जा सकता." इसके बाद एक तस्वीर के माध्यम से उसे 'मामूली वर्चुअल हेरफेर' बताया जाता है. उस पर अधिकांश ख़बरें डोनबास की घटनाओं पर केंद्रित थीं, 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर हमले से पहले, पुतिन ने कहा था कि वो यूक्रेन को नाज़ियों से मुक्त कराने के लिए सैन्य अभियान छेड़ रहे हैं.
हैरानगी की बात है कि कई मील लंबे उस सैन्य काफ़िले की किसी भी समाचार में चर्चा तक नहीं थी जो बेलारूस से यूक्रेन की राजधानी कीएव की तरफ़ बढ़ रहा है. आधे घंटे बाद ही बीबीसी रेडियो-4 के न्यूज़ बुलेटिन में उसके बारे में बताया जा रहा था. एनटीवी के प्रस्तुतकर्ता ने कहा, "हम डोनबास की ताज़ा ख़बरों से शुरुआत कर रहे हैं. लुहान्स्क पीपल्स रिपब्लिक (एलएनआर) के लड़ाके अपना आक्रमण जारी रख रहे हैं और तीन किलोमीटर आगे बढ़ गए हैं, जबकि दोनेत्स्क पीपल्स रिपब्लिक (डीएनआर) की यूनिट 16 किलोमीटर बढ़ चुकी है." प्रस्तुतकर्ता रूस समर्थित विद्रोहियों का ज़िक्र कर रहे थे जो 2014 यानी आठ साल पहले यूक्रेन में रूस के हस्तक्षेप के बाद से लुहान्स्क और दोनेत्स्क में मौजूद हैं.