फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 24 अप्रैल को अंतिम राउंड का मतदान होगा। इस बार मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की जीत की संभावना अधिक है जबकि धुर दक्षिणपंथी प्रत्याशी मैरिन ली पेन की राह मुश्किल नजर आ रही है। नतीजों की घोषणा सोमवार को होगी और यदि मैक्रों ने चुनाव जीता तो वह 20 साल में दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने वाले पहले शख्स बन जाएंगे।
लगभग सभी ओपिनियन पोल में 44 वर्षीय मध्यमार्गी मैक्रों की जीत का अनुमान जताया जा रहा है। हालांकि वह कितने मतों के अंतर से अपनी प्रतिद्वंद्वी को हरा सकते हैं, इसे लेकर असमंजस बरकरार है। इससे पहले 10 अप्रैल को पहले चरण के मतदान में 10 अन्य उम्मीदवार भी इस दौड़ में शामिल थे। चुनाव के दौरान, वामपंथी रुझान रखने वाले वे लोग असमंजस की स्थिति में हैं जो मध्यमार्गी माने जाने वाले मैक्रों को पसंद नहीं करते, लेकिन वे दक्षिणपंथी ली पेन के पक्ष में भी मतदान नहीं करना चाहते हैं।
चुनाव में हावी रहे महंगाई, हिजाब जैसे मुद्दे
इस बार चुनाव में फ्रांस के मुद्दों के साथ रूस-यूक्रेन की जंग का असर भी देखने को मिला है। इसके साथ हिजाब, मुस्लिम प्रवासियों को शरण देने, बढ़ती महंगाई और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर मैक्रों और मेरिन जनता के बीच गए हैं।
मेरिन की टीवी डिबेट पसंद नहीं
पिछले दिनों मेरिन ले पेन का टीवी डिबेट में मुस्लिमों के प्रति कट्टर रवैया किसी को पसंद नहीं आ रहा है। इस बार के डिबेट में मेरिन शुरू से ही तैयार दिखीं। लेकिन अब उनकी चमक फीकी पड़ती दिख रही है। लोग उनके टीवी डिबेट के रवैये पर अफसोस जता रहे हैं।