इस देश में खाना, दवाई और पेट्रोल-डीजल के लिए मारामारी, हालत बेहद खराब
श्रीलंका। आर्थिक मंदी से जूझ रहा श्रीलंका अब गुस्से की आग में जल रहा है. इसमें सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद को जान गंवानी पड़ी है, वहीं महिंदा राजपक्षे का घर भी फूंक डाला गया. हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने देशभर में फिर से कर्फ्यू लगा दिया है वहीं राजधानी कोलंबो में तो सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सेना को सौंप दिया गया है. श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर बढ़ते विरोध-प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 6 मई को देश में इमरजेंसी लगाने का ऐलान कर दिया था. गोटबाया राजपक्षे ने देश में बिगड़ते हालात के बीच इमरजेंसी लगाने का फैसला लिया था. श्रीलंका में जब इमरजेंसी लगाने का फैसला लिया गया, बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे थे. हजारों की तादाद में छात्र सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे थे और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में 4 अप्रैल को भी इमरजेंसी लगाई गई थी.
देश के हालातों पर आरोप है कि राजपक्षे परिवार के भ्रष्टाचार और अदूरदर्शी नीतियों की वजह से ही श्रीलंका की ये हालत हुई है. जिन्होंने अपनी सत्ता को कायम रखने के लिए टैक्स की दरें कम कर दीं. जिससे हालात बिगड़े. श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को तो चीन का करीबी माना जाता है. उनके कार्यकाल में ही श्रीलंका ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए चीन से करीब 7 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज लिया.
जिसका नतीजा आज पूरा श्रीलंका भुगत रहा है. श्रीलंका की 2 करोड़ से ज्यादा की आबादी राजपक्षे परिवार के श्रीलंका कांड को झेल रही है. स्थिति यह है कि यहां लोगों के लिए ना ही दवा है और ना ही खाना. पेट्रोल डीजल की किल्लत ने सीधे तौर पर देश की अर्थव्यवस्था को रोक दिया है.
आर्थिक स्थिति पर नजर डालें तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी श्रीलंका में महंगाई की दर 17 फीसदी को भी पार कर चुकी है. ये पूरे दक्षिण एशिया के किसी भी देश में महंगाई का सबसे भयानक स्तर है. श्रीलंकाई रुपये की वैल्यू पिछले कुछ दिनों में डॉलर के मुकाबले 80 फीसदी से ज्यादा कम हो चुकी है. मार्च में श्रीलंका में 1 डॉलर की कीमत 201 श्रीलंकाई रुपये थी जो अब 360 श्रीलंकाई रुपये पर आ चुकी है.
वहीं श्रीलंका के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल 2021 तक श्रीलंका के ऊपर कुल 35 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज था. जो एक साल में बढ़कर अब 51 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है. श्रीलंका के पास पैसों की इतनी भारी कमी हो चुकी है कि सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका को अपने पास रखे गोल्ड रिजर्व में से आधे को बेचना पड़ा है. श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के पास 2021 की शुरुआत में 6.69 टन सोने का भंडार था, जिसमें से 3.6 टन सोना बेचा गया.